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कोरोना के बावजूद पंजाब में अनाज की रिकार्ड खरीद

कोरोना के बावजूद पंजाब में अनाज की रिकार्ड खरीद

चंडीगढ़,04 जनवरी (वार्ता)पंजाब के खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा है कि प्रदेश ने कोरोना महामारी के दौरान गेहूँ और धान के उचित खरीद प्रबंधों के मामले में देश में मिसाल कायम की है।

श्री आशु ने आज यहाँ पत्रकारों से कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हिदायतों के मद्देनजऱ खऱीद सीजऩ 2020-21 के दौरान राज्य में 2136 अतिरिक्त खरीद केंद्र स्थापित किये गए थे और कुल खरीद केन्द्रों की संख्या बढकऱ 4006 हो गई थी । रबी सीजऩ के दौरान 127.11 लाख टन गेहूँ की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई जिससे 10 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुँचा।

इसी तरह खरीफ खऱीद सीजऩ के दौरान सभी खरीद एजेंसियों की तरफ से 202.78 लाख टन धान की खरीद की गई जो अब तक की धान की सबसे बड़ी खरीद साबित हुई है।

श्री आशु ने कहा कि राज्य के लोगों की भलाई के लिए कई बेमिसाल कार्य शुरु किए गए हैं। राज्य में स्मार्ट राशन कार्ड स्कीम की शुरुआत की गई जिसके द्वारा 37 लाख परिवारों को चिप आधारित कार्ड दिए गए हैं जिसका लाभ 1.41 करोड़ लोगों को होगा। इस स्कीम से लाभार्थीयोंं को सरकार की तरफ से तय अनाज हासिल करने के लिए किसी भी अन्य दस्तावेज़ को दिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ती और इससे पूरी अनाज वितरण प्रणाली में पारदर्शिता यकीनी बन गई है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के अलावा राज्य प्रायोजित राशन कार्ड स्कीम के तहत सरकार की तरफ से 237200 परिवारों के 9,48,801 लाभार्थी परिवारों को राशन मुहैया करवाया जायेगा और यह स्कीम शुरू कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि इस स्कीम का लाभ उन लाभार्थीयों को मिलेगा जो कि किसी कारण राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम, 2013 अधीन लाभार्थी नहीं बन सके थे। स्टेट स्पाँसर्ड राशन कार्ड स्कीम पर पंजाब सरकार साल के 120 करोड़ रुपए ख़र्च करेगी।

श्री आशु ने बताया कि सरकारी राशन डिपूओं की खाली पड़े 7219 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिनमें से 6232 पद ग्रामीण और 987 पद शहरी क्षेत्र से सम्बन्धित हैं। पारदर्शिता और कुशलता को यकीनी बनाने के मद्देनजऱ राशन डिपूओं के लाइसेंस आर.सी.एम.एस. (राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के द्वारा ऑनलाइन जारी किये जाएंगे। राज्य में गेहूँ के वैज्ञानिक भंडारण करने के लिए सरकार प्रभावी ढंग से काम कर रही है। भारतीय खाद्य निगम ने राज्य में 34 लाख टन की क्षमता वाली बोरियों के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट खर्चों को घटाने के लिए कई प्रयास किये गए हैं जिनके अधीन टैंडर प्रक्रिया को और पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाया गया है जिससे ट्रक यूनियनों के एकाधिकार को तोड़ा जा सके। इसके अलावा खाद्य वस्तुओं की ढुलाई के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को भी मंजूरी दे दी गई है।

शर्मा

वार्ता


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