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हरियाणा में अनुसूचित जाति के किसानों के लिये 193.63 करोड़ रूपये का प्रावधान

चंडीगढ़, छह जनवरी(वार्ता) हरियाणा सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति के किसानों के कल्याणार्थ केंद्र वर्ष 2020-21 के लिए 193.63 करोड़ रूपए की विभिन्न योजनाओं का प्रावधान किया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’ के अंतर्गत किसानों को गेंहू, दलहन की फसलें और मोटे अनाज, गन्ना तथा कपास की फसलों में खरपतवार नाशक, जिप्सम कीटनाशकों, जैव उर्वरक, बीज वितरण तथा स्प्रे पम्पों आदि पर अनुदान देती है। ‘आत्मा’ योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण के दौरान अनुसूचित जाति के किसानों को प्रशिक्षण के अलावा भ्रमण, प्रदर्शन इत्यादि गतिविधियां कराई जाती हैं। इसके अलावा, ‘इन-सीटू क्रॉप रेजीड्यू प्रबंधन स्कीम’, ‘सब-मिशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन स्कीम’ तथा ‘अनुसूचित जाति के समूहों’ हेतु कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।
राज्य में अन्य किसानों की भांति अनुसूचित जाति के किसानों की कृषि भूमि के लिए भी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ बनाए जा रहे हैं ताकि वे मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार अपनी फसलों की बिजाई करके बेहतर उपज ले सकें। प्रदेश में राज्य स्तरीय योजना के तहत बैटरी चालित 200 स्प्रे पम्पों पर भी सरकार अनुदान उपलब्ध कराती है। इन किसानों को बॉयोगैस योजना के तहत एक क्यूबिक के बॉयोगैस प्लांट पर 10 हजार रूपए तथा 2 से 6 क्यूबिक तक के बॉयोगैस प्लांट पर 13 हजार रूपए प्रति संयंत्र अनुदान दिया जाता है। भूमिगत पाइप लाइन योजना, फव्वारा संयंत्र प्रणाली तथा टपका सिंचाई योजनाओं के तहत किसी भी सिंचाई प्रणाली पर कुल खर्च का 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
प्रवक्ता के अनुसार सरकार एल्युनियम आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर अनुसूचित जाति के किसानों को कुल खर्च का अधिकतम 28,650 रूपए का लाभ दे रही है। सरकार अनुसूचित जाति की आबादी वाले गांव में ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ के तहत जल संचयन संरचनाओं का निर्माण कर रही है तथा हल्दी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना कर अनुसूचित जाति के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रमेश1628वार्ता
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