Saturday, Apr 27 2024 | Time 10:43 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


एनजीटी ने चार बिल्डरों पर लगाया 153.66 करोड़ का जुर्माना

सोनीपत 16 जुलाई (वार्ता) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली हरियाणा के सोनीपत की चार निजी बिल्डर कंपनियों के छह प्रोजेक्ट्स पर 153.66 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। इन कंपनियों में टीडीआई इंफ्रास्ट्रक्चर, पार्कर, सीएमडी बिल्डटेक और नारंग कंस्ट्रक्शन शामिल हैं। टी.डी.आई. इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे ज्यादा 94 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। इस जुर्माने को एनजीटी ने पर्यावरण मुआवजे का नाम दिया है। मिलने वाली रकम को पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन भी किया गया है। कंपनियों को जहां तीन माह में जुर्माना राशि जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं, कमेटी को पर्यावरण सुदृढ़ता के प्लान को लागू करने के लिए छह माह का समय दिया गया है।
सोनीपत के गांव नांगल कलां के ग्रामीण किसान उदय समिति के बैनर तले पिछले कई सालों से पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी रहे थे। समिति द्वारा 2018 में शिकायत नंबर 764 एनजीटी में भी लगाई थी। इसी शिकायत पर एनजीटी ने 15 जुलाई को आदेश दिए हैं। शिकायत में ग्रामीणों ने बताया था कि सेक्टर-58 से लेकर सेक्टर-64 तक में निजी बिल्डरों ने रिहायशी प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं, जिनमें 14 से 15 हजार लोग रहते हैं। इन रिहायशी इलाकों से जो दूषित पानी या गंदगी निकलती है, उसके निपटान की ठोस व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार दूषित पानी को टैंक में भरकर नांगल कलां गांव के क्षेत्र में जमीन पर डाल दिया जाता है। शिकायत में बताया गया था कि हर रोज करीब 5 लाख लीटर दूषित पानी गांव की जमीन पर डाला जा रहा है। जिसकी वजह से क्षेत्र में बदबू फैल रही है और बीमारियां फैलने का खतरा भी बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप था कि पानी का ट्रीटमेंट किए बिना आसपास की खाली जमीन पर डाला जा रहा है। इसके अलावा खेतों के लिए बनाई गई नहरों में भी गंदगी डाली जा रही है।
किसान उदय समिति ने 24 अप्रैल 2018 को पहले मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी। सबूत के तौर पर शिकायत के साथ फोटोग्राफ भी लगाए गए थे। इसके बाद 24 जुलाई 2018 को हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और मौके पर ही गंदा पानी डालते हुए टैंकर भी पकड़े थे। इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। 2019 में अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देशों पर गठित कमेटी ने भी निरीक्षण कर सॉलिड वेस्ट के लिए उपयुक्त सिस्टम न पाए जाने की जानकारी दी थी। 16 जुलाई 2019 को भी एक कमेटी ने निरीक्षण कर रिपोर्ट दी थी, जिसमें पर्यावरण प्रदूषण की बात कही गई थी।
हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी 22 अक्तूबर 2019 में एक रिपोर्ट में उपरोक्त बिल्डरों से पर्यावरण प्रदूषण करने की एवज में 1.32 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही थी। चार सितंबर 2019 को नगर योजनाकार विभाग के प्रधान सचिव ने मीटिंग लेकर सोनीपत के नगर योजनाकार अधिकारी को सॉलिड वेस्ट के मैनेजमेंट के संदर्भ में निर्देश दिए थे कि वेस्ट की सही मैनेजमेंट सुनिश्चित करें। ग्रामीणों के अनुसार इन सब निर्देशों और आदेशों के बावजूद निजी बिल्डर मनमानी करते रहे।
कुंडली में सेक्टर-58 से सेक्टर-64 तक रिहायशी प्रोजेक्ट्स हैं। इन प्रोजेक्ट्स को तैयार करने वाले बिल्डरों की जांच करवाई गई थी। जिसमें 10 में से छह बिल्डरों द्वारा घोर अनियमितताएं बरती पाई गई थी। इसी के चलते एनजीटी ने छह बिल्डरों पर पर्यावरण मुआवजा लगाया है। यह मुआवजा प्रोजेक्ट कॉस्ट का चार प्रतिशत है।
टीडीआई किंग्सबरी अपॉर्टमेंट के लिए टीडीआई इंफ्रास्ट्रक्चर पर 72 करोड़ रुपये, माई फ्लोर 2 सेक्टर-60 के लिए टीडीआई इंफ्रास्ट्रच्कर पर 10.8 करोड़ रुपये, टक्सन सिटी के लिए टीडीआई इंफ्रास्ट्रच्कर पर 12.28 करोड़ रुपये, पार्कर एस्टेट डेवलेपमेंट प्रावइेट लिमिटेड पर 17.1 करोड़ रुपये, सीएमडी बिल्डटैक (प्रदेशी डेवलेपर्स) पर 40.48 करोड़ रुपये और नारंग कंस्ट्रक्शन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
एनजीटी ने इन कंपनियों को जुर्माना तीन माह में देने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा अपने आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि यह जुर्माना राशि पर्यावरण को पहुंचे नुकसान की भरपाई पर खर्च की जाएगी। एनजीटी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव अर्बन डेवलेपमेंट, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण, हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्टे्रट सोनीपत की कमेटी बनाकर उसकी देखरेख में खर्च करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए तीन महीने में प्लान बनाने और छह महीने में प्लान को लागू करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि उपरोक्त कंपनियों को पर्यावरण नियमों के अंतर्गत क्लीरियंस या एनओसी न दें। ऐसे में तब तक वे प्रोजेक्ट पर आगे काम नहीं कर सकेंगे। वहीं डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को देखना है कि किसी भी क्षेत्र में गंदा पानी या गंदगी न डाली जाए और इन क्षेत्रों में डीजल जेनरेटर भी न चला जाएं। यह ऑर्डर एनजीटी के अध्यक्ष आर्दश कुमार गोयल, ज्यूडिशियल मैंबर सुधीर अग्रवाल, पुष्पा सत्यनारायण, एक्सपर्ट मैंबर ए. सेंथिल वेल की टीम ने जारी किए हैं।
सोनीपत के उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि एनजीटी के निजी बिल्डर कंपनियों पर जुर्माना लगाने संबंधी आदेश प्राप्त हुए हैं। इन आदेशों को कानूनी विशेषज्ञों से एग्जामिन करवाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी। सोनीपत जिले में किसी भी सूरत में एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना नहीं होने दी जाएगी।
सं.संजय
वार्ता
image