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पशुओं में लंफी चर्म रोग के उपचार एवं टीकाकरण के लिए जिले में 55 टीमें कार्यरत: उपायुक्त

अमृतसर, 08 अगस्त (वार्ता) पशुओं में फैली लंफी चर्म रोग से निपटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। जिले में अब तक लगभग 1650 पशु इससे प्रभावित हो चुके हैं और उनका इलाज संबंधित पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशु चिकित्सा निरीक्षक कर रहे हैं।
उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन ने सोमवार को बताया कि पंजाब के पशुपालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिये गये निर्देश के अनुसार विभाग गांव जा रहा है और वहां बीमार मवेशियों का इलाज कर रहे हैं। उन्हीं गांवों में जागरुकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में पशुपालकों को बीमारी से बचाव की जानकारी दी जा रही है।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में इलाज और टीकाकरण पर 55 टीमें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जिले में 1650 जानवर इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है और स्वस्थ पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिए टीके लगाए जा रहे हैं। उपायुक्त ने बताया कि जिले में टीके की 4932 खुराक आ चुकी है, जिसमें से 2516 खुराक पशुओं को और शेष 2416 खुराक पशुओं को आज शाम तक पिला दी जाएगी।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक नवराज सिंह संधू ने बताया कि अभी तक केवल गोवंश ही इस रोग से प्रभावित हुए हैं और भैंसों के इस रोग से प्रभावित होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि लगभग दो सप्ताह में अधिकांश जानवर ठीक हो रहे हैं और मृत्यु दर बहुत कम है। उन्होंने कहा कि लोग घबराने की बजाय समय पर अपने पशुओं का इलाज कराएं ताकि वे ठीक हो सकें। उन्होंने कहा कि यह बीमारी गाय से इंसानों में नहीं फैलती, इसलिए बीमार गाय के दूध को उबालकर इस्तेमाल भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोग के लक्षण दिखाई देने पर बीमार पशुओं को तुरंत स्वस्थ पशुओं से अलग कर देना चाहिए और विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से उपचार करना चाहिए।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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