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डेरा सच्चा सौदा के 75 वें स्थापना दिवस पर उमड़ा जनसैलाब

सिरसा 29 अप्रैल (वार्ता) हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का 75वां रूहानी स्थापना दिवस शनिवार को शाह सतनाम जी धाम में हर्षोल्लास से मनाया गया।
इस अवसर पर आयोजित नाम चर्चा में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली,
उतरप्रदेश, उतराखंड सहित विभिन्न राज्यों से भारी तादाद में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। संभावित भीड़ के दृष्टिगत डेरा प्रबंधन व पुलिस प्रशासन की ओर से पिछले दो रोज से विशेष प्रबंध किए गए थे,बावजूद इसके डेरा की ओर आने वाले सभी मार्गों पर वाहनों की लगी लंबी कतारों के कारण जाम की स्थिति बनी रही। भादरा,नोहर,नाथूसरी चोपटा की ओर से आने वाली बसों व अन्य वाहनों के रूट पहले ही डॉयवर्ट कर दिए गए थे।
वार्षिक आयोजन पर डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहिम सिंह के पैरोल पर आने की संभावनाएं जताई जा रही थीं मगर वे नहीं आए। डेरा प्रमुख के परिवार के सभी सदस्य लंदन होने के कारण आयोजन में शामिल नहीं हो पाए जबकि मुंहबोली बेटी हनीप्रीत इंसा,प्रबंधक मंडल के कृष्ण चौहान,पी आर नैन,जगदीश सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। इस मौके पर गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से सुनारिया जेल से श्रद्धालुओं के नाम रूहानी चिट्ठी भेजी गई, जिसे डेरा प्रवक्ता पवन इंसा ने साध-संगत के बीच पढ़कर सुनाया। चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने 157वां मानवता भलाई कार्य ‘उत्तम संस्कार’ शुरू करवाया, जिसके तहत साध-संगत रोजाना या सप्ताह में 3 बार अपने बच्चों को 'मानवता व मानवता भलाई, सृष्टि की भलाई के बारे में शिक्षा देगी व प्यार से समझाएगी। इसके माध्यम से साध-संगत को एकता में रहने, सभी धर्मों का सत्कार करने का आह्वान किया गया था। चिट्ठी में यह भी बताया गया कि 1948 के मई महीने में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने सत्संग फरमाया था, इसलिए इस महीने के आखिरी रविवार को भी साध-संगत भंडारे के रूप में मनाया करेगी।
इस दौरान डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहिम सिंह के वचनों को बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनोंं के माध्यम से चलाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को सुनाया गया। उन्होंने फ रमाया कि संतों का काम इस समाज में आकर बुराइयां दूर करना होता है। संत किसी के धर्म, मज़हब में दखल नहीं देते बल्कि वो तो सिखाते हैं कि अपने-अपने धर्म में रहते हुए मानव भलाई करो। धर्म को मानना शुरू कर देंगे तो अगले ही मिनट धरती पर प्यार-मोहब्बत की गंगा बहने लगेगी। क्योंकि धर्मों में बेगर्ज़, नि:स्वार्थ प्यार की बात कही है। फिजूल की बहस ना करो, किसी को गलत ना बोलो, किसी की निंदा ना करो, किसी का निरादर ना करो, सबका सत्कार करो, सबकी इज्जत करो, नशे ना करो, माँसाहार को त्याग दो, क्योंकि इससे निर्दयता आती है, आदमी के अंदर से दया-रहम नाम की चीज चली जाती है।
डेरा सच्चा सौदा द्वारा इस अवसर पर 75 जरूरतमंद परिवारों को फूड बैंक मुहिम के तहत राशन, क्लॉथ बैंक मुहिम के तहत 75 बच्चों को कपड़े दिए गए। गर्मी के मौसम के दृष्टिगत ‘पक्षी उद्धार’ मुहिम के तहत पक्षियों के लिए घोंसले लगाए गए। इसके अलावा शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में जन कल्याण परमार्थी शिविर लगाकर जरूरतमंदों की नि:शुल्क जांच कर उन्हें परामर्श दिया गया।
सं.संजय
वार्ता
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