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अवैध नमक उत्पादक इकाईयों को बंद करने की मांग

भीलवाड़ा 01 दिसम्बर (वार्ता) पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबू लाल जाजू ने प्रसिद्ध सांभर झील में हजारों परिंदों की मौत के मामले में अवैध नमक उत्पादक इकाइयों को बंद एवं सांभर साल्ट लिमिटेड का लीज निरस्त करने तथा अजमेर की आनासागर झील में कौवों एवं जलीय जीवों की मौत के मामले को गंभीरता से लेने की राज्य सरकार से मांग की है।
श्री जाजू ने आज नवगठित राजस्थान वेटलैंड अथॉरिटी के अध्यक्ष एवं वन मंत्री सुख राम विश्नोई को पत्र लिखकर यह मांग की। उन्होंने सांभर झील में परिंदों की मौत तथा हाल में अजमेर की आनासागर झील में बड़ी संख्या में कौवों एवं जलीय जीवों की मौत के मामले में जिला प्रशासन को लापरवाह ठहराते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के चेयरमैन आदर्श कुमार गोयल को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
उन्होंने मांग की कि अंतर्राष्ट्रीय रामसर सम्मेलन का उल्लंघन कर सांभर झील में पचास हजार से अधिक परिंदों की मौत के मामले में सांभर साल्ट लि. का लीज अनुबंध निरस्त किया जाना चाहिए तथा अवैध रूप से चल रही नमक उत्पादक इकाईयों एवं रिफाईनरियों को बंद, नमक इकाईयों द्वारा अवैध रूप से फैलाये गये बिजली के तारों के जाल को हटाया एवं अवैध ट्यूबवेल्स को बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदूषित पानी को सांभर झील में जाने से रोकने की मांग भी की।
श्री जाजू ने बताया कि अजमेर जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते जिले से जुड़े गांवों सानोदिया, जाग, बिलावत, आउं एवं रूपनगढ़ के पास सांभर झील क्षेत्र में लगभग 500 अवैध नमक उत्पादक इकाईयां ट्यूबवेल खोदकर एवं बिजली के तारों की लम्बी लाईनें डालकर जल दोहन कर रही है। अवैध रिफाइनरियां भी यहां संचालित हो रही है, जिससे सांभर झील का जल अत्यधिक प्रदूषित हो गया है।
उन्होंने बताया कि जयपुर जिले में सांभर साल्ट लिमिटेड द्वारा त्योद एवं गूढ़ा क्षेत्र में झील के कैचमेंट क्षेत्र में गहरी खाईयां खोदकर क्यारियां बना दी गई है। 30 से 40 अवैध ट्यूबवेल खोद रखे हैं जबकि जयपुर जिला कलक्टर द्वारा कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि इस बार बड़ी संख्या में विदेशी परिंदे सांभर झील में डेरा डाले हुए हैं एवं प्रतिदिन विदेशी परिंदो का आगमन जारी है, ऐसे में अवैध गतिविधियों को रोककर परिंदों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने की जरुरत है।
उधर सांभर क्षेत्र में वन विभाग तथा एनजीओं अभियान चलाकर मृत या घायल पक्षियों की तलाश की जा रही हैं तथा पक्षियों काे ईलाज के बाद छोड़ा जा रहा है वहीं अजमेर की आना सागर झील में मृत पाये कौवों का विसरा जांच के लिए भोपाल भेजा गया है।
जोरा
वार्ता
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