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लक्ष्मी विलास होटल की जमीन पर महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट खोलने पर भेजा नोटिस

जयपुर 21 सितंबर (वार्ता) राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर में सेंट्रल पार्क में प्रस्तावित महात्मा गांधी दर्शन म्यूजियम और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एवं सोशल साइंसेज निर्माण फिर विवादों में है।
बताया गया है कि यह हेरिटेज होटल लक्ष्मी विलास और कनक भवन की जमीन पर बनना है।
इस मामले में संघर्ष समिति के एडवोकेट विमल चौधरी की ओर से मुख्य सचिव निरंजन आर्य, शहरी निकाय विभाग के सचिव कुंजी लाल मीणा और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) आयुक्त गौरव गोयल के नाम से यह नोटिस जारी किया है। इन संपत्तियों के इंस्टीट्यूशनल उपयोग पर आपत्ति जताते हुए इसे उच्च न्यायालय के आदेशों की अवेहलना बताया गया है।
नोटिस में बताया कि मई 2017 में रिट पिटिशन पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि होटल और कनक भवन की जमीन का कब्जा लें। भविष्य में इस जमीन का उपयोग केवल पार्क या गार्डन के लिए ही किया जाए। अन्य उपयोग में नहीं। यह आदेश संजय त्यागी की ओर से लगाई याचिका पर सुनवाई के बाद दिया था। इसी आदेश के बाद जयपुर जेडीए ने मई 2017 में होटल और भवन की जमीन का कब्जा लिया था।
राज्य सरकार अब यहां टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज और महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी स्कूल ऑफ साइंसेज ऑफ गवर्नेंस की तर्ज पर महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एवं सोशल साइंसेज बनाने जा रही है। इसके लिए बाकायदा होटल के भवन को तोड़कर यहां इंस्टीट्यूट बनाने की योजना तैयार की जा रही है, जो उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ है।
जेडीए के मास्टर प्लान 2025 में लक्ष्मी विलास होटल की जमीन को कॉमर्शियल उपयोग का दर्शा रखा है, जबकि कनक भवन की जमीन पार्क उपयोग की है। जेडीए को उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दे रखे हैं कि होटल की जमीन का उपयोग भविष्य में कॉमर्शियल उपयोग न करके केवल पार्क या गार्डन के लिए ही किया जाएगा।
पारीक रामसिंह
वार्ता
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