राज्यPosted at: Nov 20 2017 1:10PM जर्मन महिला से नहीं देखी गई घोड़ों की पीड़ा ,कांटेदार लगाम से दिलाया छुटकाराझुंझुनू,20 नवम्बर (वार्ता) एक जर्मन महिला को घोड़ों को पारंपरिक कांटेदार लगाम से होने वाली पीड़ा ने इतना व्याकुल कर दिया कि अब वह जर्मन में बनी लगाम को राजस्थान के शेखावटी इलाके में अश्व मालिकों को मुफ्त बांट रही है। मंडावा सफारी के प्रबंधक अनिरूद्ध सिंह के अनुसार मरियम चार साल से लगातार भारत आकर शेखावाटी के ग्रामीण परिवेश पर एक किताब लिखना चाहती है। इस उद्देश्य से वह अध्ययन एवं शोध के लिए घोड़े पर बैठ कर क्षेत्रमें घूमती हैं। इस दौरान मरियम को घोड़ों को कांटेदार लगाम से होने वाली पीड़ा से काफी असहजता महसूस हुयी। उन्होंने कहा कि घोड़ों पर बैठकर यात्रा के दौरान देखा कि कई घोड़ों के मुंह में लगाई जाने वाली कांटेदार लगाम के कारण उनके मुंह में घाव हो जाते हैं खून रिसने लगता है।घोड़ों की पीड़ा कम करने के लिए जर्मनी में बनी बिना कांटों वाली सादी बिट की लगामें यहां लाकर घोड़ा पालकों को बांटना शुरू कर दिया। मरियम यह लगामें घोड़ा मालिकों को निशुल्क बांट रही हैं। सं रमेशवार्ता