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सरकार द्वारा शिक्षकों के नियमितिकरण की चुनौती वाली याचिका खारिज

सरकार द्वारा शिक्षकों के नियमितिकरण की चुनौती वाली याचिका खारिज

प्रयागराज,17 नवम्बर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सरकार द्वारा डिग्री कालेजों में मानदेय पर नियुक्त शिक्षकों के नियमितिकरण को लेकर किए गये संशोधन वाली चुनौती याचिका को खारिज कर उनका रास्ता साफ कर दिया है।

न्यायमूर्ति ए पी साही अौर न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खण्डपीठ ने डा दीनानाथ यादव और 25 अन्य की चायिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

याचिका का विरोध कर रहे अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश हायर एजूकेशन सर्विस कंडीशन एक्ट की धारा 31 (इ) में संशोधन कर नियमितिकरण के लिए आदेश जारी किया। इसके तहत 29 मार्च 2011 तक नियुक्ति पा चुके ऐसे मानदेय शिक्षक जो पद की अर्हता रखते हैं और 10 सितम्बर 2018 तक लगातार पढ़ा रहे हैं सेवा में नियमित कर दिया जाए।

इस संशोधन में याचिका को यह कहते हुए चुनौती दी गयी कि जिन पदों के सापेक्ष नियमितीकरण किया जा रहा है वह पद पहले से ही विज्ञापित है। याचीगण ने उन पदों के लिए आवेदन किया है। एक्ट में पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रावधान है इसलिए राज्य सरकार को नियमितिकरण के जरिये पदों को भरने का अधिकार नहीं है।

न्यायालय ने प्रदेश सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था। सरकार ने बताया कि 2008 और 2009 का विज्ञापन उसने संशोधन करने से पूर्व ही वापस ले लिया था तथा वर्तमान में न तो कोई नियुक्ति प्रक्रिया लंबित है ओर न ही कोई आवेदक है। न्यायालय ने एक्ट में संशोधन करने का राज्य सरकार को अधिकार नहीं है कहते हुए याचिका खरिज कर दी।

सं दिनेश तेज

वार्ता

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