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लगातार तीसरी बार बने प्रबंधक का चुनाव अवैध, मान्यता देने का आदेश रद्द

प्रयागराज,20 नवम्बर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रबंधन नियमावली के विपरीत तीसरे टर्म के लिए कालेज प्रबंधक का चयन अवैध करार दिया है और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा आपत्ति तय किये बगैर उसे मान्यता देने के आदेश को रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने प्रमोद कुमार एवं भारत वीर आर्या की याचिका पर यह आदेश दिया है। न्यायालय ने डीआईओएस को प्रबंधक का नये सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता के.पी शुक्ल और अनुराग शुक्ल ने बहस की। याची का कहना है कि सरस्वती इंटर कालेज पीपलहेरा ककरैला खतौली, मुजफ्फरनगर की प्रबंध समिति का हर पांच वर्ष पर चुनाव होता है। वर्ष 2008 और 2013 में विपक्षी राजेन्द्र सिंह प्रबंधक चुने गये। नियमानुसार एक प्रबंधक लगातार दो से अधिक समय तक चुना नहीं जा सकता। दो बार के कार्यकाल के बाद एक बार के गैप के बाद पुनः चुनाव लड़ सकता है। वर्ष 2018 में प्रबंध समिति का चुनाव हुआ तो वर्तमान प्रबंधक राजेन्द्र सिंह पुनः चयनित कर लिये गये।
याची भारत वीर आर्या ने आपत्ति की, कि उन्हें तीसरे टर्म के लिए चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। इस आपत्ति पर कोई निर्णय न लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने विपक्षी प्रबंधक को मान्यता दे दी। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी। न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए निरीक्षक के आदेश को रद्द कर दिया।
विपक्षी का कहना था कि दो कार्यकालों के बीच में विद्यालय का एकल संचालन कर दिया गया था। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि वह लगातार दो बार से प्रबंधक है। अदालत ने इस तर्क को नहीं माना और कहा कि वह दो बार लगातार चयनित हुआ है। अब तीसरी बार नहीं चुना जा सकता। यह भी कहा कि याची की आपत्ति तय नहीं की गयी। भले ही वह चुनाव हार गया। उसे याचिका दाखिल करने का अधिकार है।
सं दिनेश तेज
वार्ता
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