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राष्ट्रीय- शंकराचार्य मंदिर दो अन्तिम अयोध्या

आचार्य धर्मेन्द्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा “मैं 56 इंच सीने वाले और उनके लोगों का कोई चाटुकार नहीं हूं। न ही उनकी चाटुकारिता और ना ही उनके हां में हां मिलाता हूँ। मुझे दूध में गिरी हुई एक मक्खी के समान निकालकर बाहर फेंक दिया।” उन्होंने कहा कि जहां देश में हर-हर महादेव के नारे लगने चाहिये वहां आज हर-हर मोदी के नारे लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग बिन बुलाये पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के यहां पारिवारिक उत्सव में शामिल होने चले जाते हैं लेकिन अयोध्या में रामलला का दर्शन करने नहीं आते हैं।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं वहीं पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा यह सबकी इच्छा है। उन्होंने कहा सभी साधु संत एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण में आगे आवें। केन्द्र सरकार से भी कहा कि मंदिर का निर्माण शीघ्र करावें तभी उनका कल्याण संभव है। श्रीरामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं भाजपा के पूर्व सदस्य रामविलास दास वेदांती ने कहा कि पांच सालों से राम मंदिर का मुकदमा चल रहा है। मंदिर मसला न्यायालय से हल होने वाला नहीं है। इसके लिये हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समझौते के लिये तैयार हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि समझौते से राम मंदिर का निर्माण हो जायेगा।
रूक्मिणी पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी राज राजेश्वर महाराष्ट्र ने कहा कि अयोध्या सम्पूर्ण भारत वर्ष के संस्कारों व मर्यादा का केन्द्र बिंदु है। मंदिर निर्माण के लिये यह अनुष्ठान सार्थक होगा। राम नाम की ज्वाला देश में प्रचंड रूप ले रही है भगवान राम का मंदिर अवश्य बनना चाहिये। श्रीराम अश्वमेध महायज्ञ के आयोजक स्वामी आनन्द महाराज मुम्बई ने कहा कि अगर राम मंदिर हमें बनाना है तो सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा।
संत सम्मेलन का संचालन स्वामी दिलीप दास त्यागी ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, उदासीन आश्रम रानोपाली के महंत डा. स्वामी भरत दास, अयोध्या संत समिति अध्यक्ष महंत कन्हैयादास रामायणी, सियाराम किला महंत करुणानिधान शरण, चौभुर्जी महंत बृजमोहन दास, राम वैदेही खण्डेश्वरी मंदिर के महंत रामप्रकाश दास, डा. राघुवेश दास वेदान्ती, गोपाल महाराज, तीर्थराज प्रयाग, महामण्डलेश्वर नरसिंह दास गुजरात, महंत धर्मदास आयाराम अखाड़ा, महंत रामजी दास करुणानिधान भवन, करपात्री महाराज, महंत पवन कुमार शास्त्री, नीरज शास्त्री, कमलेश दास शास्त्री आदि संत महंत उपस्थित रहे।
सं भंडारी
वार्ता
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