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उत्तर प्रदेश-नाईक बिजली दो अंतिम लखनऊ

श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन अन्य प्रदेशों की तुलना में जितना औद्योगिक विकास होना चाहिए था अब तक उतना नहीं हो पाया है। उसके दो कारण हो सकते हैं कानून व्यवस्था और अबाधित विद्युत व्यवस्था की कमी। गत वर्ष फरवरी माह में आयोजित इंवेस्टर्स समिट में रूपये 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये तथा 1,045 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हुये। इंवेस्टर्स समिट से यह संदेश गया कि कानून व्यवस्था एवं विद्युत आपूर्ति की स्थिति अब संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में चल रहे कुम्भ की व्यवस्था की चर्चा पूरे विश्व में है और कुम्भ का बिजली प्रबंधन सराहनीय है।
इस मौके पर प्रबंध निदेशक श्रीमती अर्पणा यू ने विभाग की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा कि चुनौतियों को स्वीकार करते हुये ऊर्जा क्षेत्र में अनेक सुधार किये गये हैं। नये सब स्टेशन निर्माण के साथ-साथ स्थापित विद्युत स्टेशनों की क्षमता में भी वृद्धि की गयी है। ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा खपत 17 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो गयी है। शासन स्तर पर नई भर्ती एवं पदों को बढ़ाने के लिये कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति गंभीरता से विचार कर रही है।
इस अवसर पर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजिनियर संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष आर0के0 त्रिवेदी, महासचिव वरिन्दर कुमार शर्मा, निदेशक पावर कारपोरेशन एस0पी0 पाण्डेय, संगठन के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में सदस्यगण उपस्थित थे। राज्यपाल ने कार्यक्रम में संगठन की स्मारिका और एक सुधार पत्रिका का विमोचन भी किया।
संगोष्ठी में संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।
त्यागी
वार्ता
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