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आपराधिक मामलों में पुलिस जाँच के कागजातों को जल्द हो डिजिटलाइजेशन:न्यायालय

लखनऊ 12 फरवरी (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने आपराधिक मामलों में पुलिस की जाँच के कागजातों को डिजिटलाइजेशन एवं कंप्यूटरीकृत करने के मामले में राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि जल्द कारवाई पूरी की जाये । न्यायालय ने कहा कि मुकदमो के शीघ्र निपटारे पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा । लोगो को भी राहत मिलेगी ।
सुनवाई के समय पुलिस तकनीकी विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ( एडीजी) आशुतोष पाण्डे और सीओ तकनीकी सेवा अजय कुमार अदालत में उपस्थित हुए ।
अदालत में अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने बताया कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को कम्प्यूटरीकृत के लिए पूरे प्रदेश में अधिकारियोंको निर्देश दिए गए थे । कहा कि कुछ जिलों में काम पूरा हो गया है तथा कुछ जिलों में जल्द पूरा किया जाएगा ।
पहले सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि वह गृह विभाग और पुलिस विभाग से जानकारी लेकर बताए कि विवेचना के दस्तावेजों, केस डायरी तथा चार्ज शीट आदि का डिजिटिलाइजेशन कैसे किया जा सकता है । अदालत ने इसके लिए सरकार को बजट भी जारी करने पर विचार करने को कहा था ।
यह आदेश न्यायमूर्ति ए आर मसूदी की खंडपीठ ने एक जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को दिए हैं ।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाअधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने अदालत को बताया था कि पुलिस महानिदेशक ने इस मामले में गत 14 नवम्बर को एक परिपत्र जारी कर दिया था और शीघ्र ही इसे प्रदेश के पुलिस विभाग के सिस्टम पर अपलोड कर दिया जायेगा ।
गौरतलब है कि काफी दिनों से अक्सर यह बात आ रही थी कि अदालतों में पुलिस विवेचना के बाद भेजे जाने वाले दस्तावेज इतने अपठनीय होते है कि अदालत के काम मे दिक्कते आती है । अदालत ने कहा कि इसके लिए वांछित सरकारी बजट भी जारी होना चाहिए । अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी ।
सं त्यागी
वार्ता
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