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कौशल विकास केन्द्र से नौजवानो काे मिलेगा बेहतर मंच : योगी

गोरखपुर 04 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स सेन्टर का दूसरा केन्द्र गोरखपुर में बनाया गया है और पूरे देश में 300 से अधिक इसकी शाखाएं है।
गोरखपुर के चरगावां आईटीआई में आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स सेन्टर का उद्घाटन करते हुए उन्होने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार के केन्द्र खुलना अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। खास कर आईटीआई चरगावां में, आईटीआई चरगावां प्रदेश में कौशल विकास मिशन की अग्रणी संस्थाओ में शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सेन्टर बन जाने से निश्चित रूप से नौजवानों को बेहतर मंच मिलेगा और कौशल विकास में प्रशिक्षित होकर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुम्भ मेले का आयोजन भी किया गया जो अब समापन की ओर जा रहा है, यह भी प्रदेश के स्किल्स का एक भाग है कि इतने बड़े आयोजन को कुशलता पूर्वक सम्पादित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 300 से अधिक सरकारी आई.टी.आई. तथा 2800 से अधिक निजी क्षेत्र के आई.टी.आई. व कौशल विकास केन्द्र मौजूद है जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में नौजवान प्रशिक्षित होकर आगे निकले है। विगत वर्षों से उनके प्लेसमेन्ट के लिए भी कार्य किया जा रहा है। आई.सी.आईसी.आई. जैसी संस्था के जुड़ने से इसमें गति आयेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा -सजयाई लाख लोगों को सरकारी नौकरी भी दी गयी है इसके साथ ही हजारों करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया गया है। उन्होंने प्रदेश के परम्परागत उत्पादों को बढावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद के तहत 78 हजार से अधिक युवाओं को मुद्रा योजना एंव मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सहायता प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा सौभाग्य योजना के तहत -सजयाई लाख मजरों में विद्युत कनेक्शन दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर हुनरमंद बनाने का
कार्य करना होगा।
इस अवसर पर आईसीआईसीआई फाउंडेशन फाॅर एक्सक्लूसिव ग्रोथ के गर्वनिंग काउंसिल मेमबर अनूप बागची ने
बताया कि शुरूआती तौर पर एक वर्ष में 320 छात्रो को प्रशिक्षित किया जायेगा। पाठ्यक्रम में प्रासंगिक व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ जीवन कौशल जैसे शिष्टाचार और व्यवहार, संचार बुनियादी अंग्रेजी और वित्तीय सारक्षता शामिल है। प्रशिक्षण की अवधि 12 सप्ताह है। समाज के वंचित वर्ग के युवा जिन्होंने कम से कम आठवीं तक पढाई की है और जिनकी आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच है, वे इलेक्ट्रिकल एण्ड होम एप्लायंसेज रिपेयर पाठ्यक्रम के लिए पात्र है, जबकि विक्रय कौशल के लिए दसवीं कक्षा तक की न्यूनतम शिक्षा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के विकास में योगदान करने का सबसे अच्छा पहल है कि लोगो को देश की आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए सक्षम बनाया जायें।
उदय प्रदीप
वार्ता
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