राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 20 2019 4:58PM बलरामपुर में गन्ने की मिठास बन सकती है चुनावी मुद्दाबलरामपुर 20 मार्च (वार्ता) जातिगत समीकरणों को साध कर संसद की दहलीज पार करने का ख्वाब देख रहे राजनीतिक दलों को बलरामपुर के गन्ना किसानो के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ सकता है। गन्ना उत्पादक जिलों की फेहरिस्त में शामिल बलरामपुर में तीन चीनी मिलें है। जातिगत समीकरण के आधार पर जीत की राह तलाश कर रहे राजनीतिक दलो को यहां गन्ना किसानो का मुद्दा दिखाई नही दे रहा है जिसके चलते नेपाल के सीमावर्ती जिले मे पौने दो लाख किसानो का बकाया गन्ना मूल्य उनकी जिन्दगी मे मिठास घोलने के बजाये कडवाहट पैदा कर रहा है। करीब 2,96,333 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले जिले का किसान गन्ने की फसल को नकदी फसल मान कर इसकी बोआई करता है लेकिन नकदी फसल की बात अब अपवाद मे तब्दील हो चुकी है। किसानो की शिकायत है कि मिलो को गन्ना देने के बाद भी उसका भुगतान नही मिल पा रहा है। जिले मे चार विधान सभा सीटे है जिन सभी पर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ही विधायक है। स्थानीय किसान रामगोविंद का कहना है कि आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र के गन्ना किसानो के साथ खडा होकर बकाया भुगतान के लिए किसानो के पक्ष मे हुकार भरना गवारा नही समझा। हालात का मारा किसान खेत मे लगे गन्ने के खडी फसल को जलाने पर मजबूर है। किसान धर्मराज यादव,लल्लू राम,नूर मोहम्मद की माने तो गन्ना अब उनके लिए घाटे का पैदावार साबित हो रहा है। इसकी के चलते कई किसान अब दूसरी फसलों पर ध्यान देने लगे हैं। किसान नेता और लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी का कहना है कि किसानो के बदौलत ही नेता से लोग माननीय बनते है और माननीय बनने के बाद ऐसे लोग किसानो को भूल कर पूँजीपतियो के पाले मे जाकर बैठ जाते है। गन्ना समितियो से मिले आकडो पर गौर करे तो पता चलता है कि बलरामपुर चीनी मिल 40 करोड 73 लाख 37 हजार,बजाज हिन्दुस्थान चीनी मिल एक अरब 48 करोड 63 लाख 65 हजार रूपया और तुलसीपुर चीनी मिल 50 करोड 27 लाख 82 हजार रूपया गन्ना किसानो को देना है। किसानो ने बकाया भुगतान की मांग को लेकर कई बार सडको पर उतर कर अन्दोलन तक किया लेकिन किसानो के अन्दोलन का असर न तो मिल मालिको पर होता दिख रहा है और न ही सरकार और उनके नुमांइदगों पर ही जिसका नतीजा है कि जिले की तीनो चीनी मिलो पर 200 करोड से अधिक का बकाया आज भी है। ऐसे मे मिल प्रबंधको के शोषण का शिकार जिले का गन्ना किसान वोटो की गणित के आधार पर जीत का सपना देखने वाले दलो के समीकरण को खराब करने का कुव्वत रखते है।सं प्रदीपवार्ता