हमीरपुर, 31 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश के हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को इस बार भी लोकसभा चुनाव में जीत का तमगा पाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सहारा है।
बीते पांच साल जनता से खास ताल्लुक नही रखने वाले श्री चंदेल चुनावी मैदान में उतरने के बाद अब मतदाताओं से मिलकर उन्हें श्री मोदी के काम गिना रहे हैं।
पेयजल की गंभीर समस्या के साथ ही अवैध खनन के लिये कुख्यात बुंदेलखंड के इस जिले में वर्ष 1989, 1996 और 1998 में भाजपा के गंगाचरण राजपूत, 1991 में भाजपा के ही विश्वनाथ शर्मा, 1999 में बसपा के अशोक सिंह चंदेल, 2004 में सपा के राजनारायण बुधौलिया और 2009 में बसपा के विजय बहादुर सिंह ने जीत दर्ज की थी जबकि 2014 में पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने मोदी लहर में सीट निकाली थी। यहां दिलचस्प है कि विपक्ष के सांसद बने तीनों कद्दावर नेता अब भाजपा में हैं और उनकी अपने क्षेत्र में पैठ भी है।
श्री चंदेल पिछले लोकसभा चुनाव में करीब ढाई लाख मतों से जीत हासिल की थी। हमीरपुर महोबा संसदीय क्षेत्र में हमीरपुर, राठ, महोबा, चरखारी और बांदा विधानसभा सीटें भी भाजपा के पास हैं। ऐसे में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रीतम सिंह और सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार दिलीप सिंह को जीतने के लिये मेहनत करनी पड़ सकती है।
मौजूदा सांसद मोदी सरकार के तमाम काम गिनाने के साथ किसानों को हर साल मिलने वाली छह हजार रुपये, पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने पर हुयी एयर स्ट्राइक और राष्ट्रवाद की बात कर रहे हैं लेकिन पांच साल तक जनता से न मिलने की बात कहने पर वह हंसकर टाल देते हैं।