राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 7 2019 10:22PM अलीगढ़ की घटना योगी सरकार की गैर जिम्मेदारी की पराकाष्ठा : अखिलेश
लखनऊ 07 जून (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अलीगढ़ में मासूम की हत्या की भर्त्सना करते हुये कहा कि यह घटना याेगी सरकार की गैर जिम्मेदारी की पराकाष्ठा का परिचायक है।
श्री यादव ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। दहशत और असुरक्षा की भावना से समाज का हर वर्ग चपेट में है। भाजपा राज में बच्चियां तक सलामत नहीं। उनके साथ हैवानियत की घटनाओं पर सरकारी रूख संवेदनशून्यता का ही दिखाई देता है। जनता में इससे भारी असंतोष और आक्रोश है।
उन्होने कहा कि अलीगढ़ में ढाई साल की बेटी 30 मई से लापता थी और दो जून को उसका शव कूड़े के ढेर पर मिला। पुलिस का इस मामले में लापरवाह रवैया निंदनीय रहा है। सरकार की गैर जिम्मेदारी की यह पराकाष्ठा है। इस अमानवीय और घृृणास्पद घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री को इस कांड का संज्ञान लेकर निष्क्रिय पुलिस अफसरो को भी दंडित करना चाहिए था लेकिन अभी तक कड़ी कार्यवाही का न होना दुःखद है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जेल में बंद रेप के आरोपी से भाजपा के सांसद मिलने जाते हैं। डीजीपी के घर से अपहरण हो जाते हैं। अलीगढ़ में चार दिन तक बच्ची की तलाश में जुटी नाकाम पुलिस हाथों में लाश लेकर आती है। ये तस्वीर यूपी में व्याप्त जंगलराज की है।
लखनऊ के नगराम क्षेत्र में एक सात वर्षीय बच्ची के साथ और बाराबंकी के टिकैतनगर में आठ वर्षीय बच्ची के साथ दरिंदगी की घटनाएं जताती हैं कि अपराधियों के मन में रंचमात्र भी भय नहीं रह गया है। मलिहाबाद के मवईकलां और लखीमपुर के ईसानगर क्षेत्र के एक गांव में युवतियों से भी दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुई है। कौशाम्बी में करारी थाना क्षेत्र में एक बालिका की सिरकटी लाश मिली है। ये जघन्य कांड प्रदेश की बदनामी करा रहे हैं।
भाजपा राज में अपराधों में बढ़ोत्तरी होने से सरकार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। ऐसा लगता है कि प्रशासन ने अपनी इच्छाशक्ति खो दी है, वह पूर्णतया पंगु हो गई है। जनता के दुःखदर्द से उसका कोई वास्ता नहीं रह गया है। जिस भाजपा राज में मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं, हत्यारों को कोई भय नहीं और जिस पुलिस का इकबाल भी कहीं नहीं दिखता ऐसी सरकार अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकती है।
प्रदीप
वार्ता