राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 8 2019 4:28PM लोकरूचि सारस पलायन तीन अंतिम इटावाहजारी महादेव मंदिर से जुड़े शांतिदास और सरसईनावर के राहुल ने बताया कि पर्यटन स्थल में सोलर पंप लगा है लेकिन इससे आसपास के किसान खेतों की सिंचाई करते हैं। ये सब वनविभाग कर्मियों की मिलीभगत से होता है। वनविभाग कर्मी खेतों में सिंचाई के एवज में किसानों ने रुपये वसूलते हैं । उन्होने बताया कि वेटलेंड क्षेत्र के एक हिस्से में जो थोड़ा वहुत पानी बचा हुआ है , उस पर अराजक तत्वों ने अधिकार जमा रखा है वह प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बाद भी यहां मछलियों का शिकार करते रहते हैं । स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके इस काम में वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारीयों की संलिप्तता रहती है मछलियों के अवैध शिकार का एक हिस्सा उनको भी दिया जाता है स्थानीय लोग इन अराजक तत्वों से भय के कारण इनका विरोध नहीं कर पाते हैं। ताखा एसडीएम सत्यप्रकाश ने कहा कि वेटलैंड क्षेत्र जाकर खुद स्थिति देखेंगे। वहां सारस के लिए पानी की व्यवस्था कराई जाएगी। सं प्रदीपवार्ता