राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 11 2019 11:45AM लोकरूचि राम ब्रह्मदोष दो अंतिम सुल्तानपुरजिले के सेमरी बाजार निवासी पंडित सुभाष पांडेय का कहना है कि भगवान श्रीराम के स्नान से ही इस स्थान का महत्व है। दशहरा पर यहॉं स्नान का विशेष महत्व है। अमहट निवासी वृद्ध गृहणी सावित्री देवी ने स्नान के धार्मिक महत्व को कुछ यूं बखान किया “ 'ग्रहण-काशी, मकर-प्रयाग, चैत्रराम नवमी-अयोध्या और दशहरा-धोपाप”। उन्होंने कहा कि इन चार पर्वो पर स्नान से एक धाम के दर्शन का पुण्य मिलता है। इसीलिये लोग इस पर्वो पर स्नान को नही भूलते है। चारो स्नान में तीन प्रमुख नदियों और संगम के स्नान होते हैं। धोपाप में स्नान के बाद लोग यहॉ स्थित प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर में भगवान श्री राम के दर्शन और पूजन करना नही भूलते है। वर्ष में यही एक पर्व है जिसपर लाखो लोग इस प्राचीन मंदिर पर प्रभु श्री राम के दर्शन को उमड़ते है। हालांकि हर स्नान पर्व पर स्थानीय लोग यहॉं स्नान को जरूर पहुंचते है। पौराणिक और धार्मिक महत्व के स्नान मेले में व्यवस्थाओ के निमित्त जिला प्रशासन ने उपजिलाधिकारी राजेश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी हैं। उन्होंने बताया कि मेले में श्रद्धालुओं के लिये बिजली , पानी, मेडिकल शिविर, सुरक्षा व्यवस्था, महिलाओं के लिए अस्थायी चेंज रूम, शौचालय, नदी में नाव व गोताखोर के विशेष इंतजाम किए गए हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी श्रद्धालुओं के सेवा के लिये अनेक प्रकार के शिविरों का आयोजन किया गया हैं, जिसमें प्रसाद, शर्बत, पानी, स्वास्थ शिविर, खोया पाया शिविर प्रमुख है। सं प्रदीपवार्ता