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एडी ने सीएमओ सहित तीन अफसरों से मांगा जवाब

हमीरपुर 11 जून(वार्ता) देश को क्षयरोग मुक्त बनाने के लिए सरकार जहां एक ओर पूरी गंभीरता से प्रयासरत है वहीं जिलों में स्वास्थ्य अधिकारियों को रवैया अपने काम को लेकर बेहद गैरजिम्मेदाराना है। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) के तहत सम्पन्न हुई मंडलीय बैठक में गैर हाजिर रहे हमीरपुर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी व एनएचएम के जिला प्रबंधक से अपर स्वास्थ्य निदेशक (एडी) ने जवाब तलब किया है।
चित्रकूटधाम मंडल के स्वास्थ्य अपर निदेशक(एडी) डा. राकेश रमन ने मंगलवार को बताया कि दो दिन पहले बांदा में राज्य क्षय रोग अधिकारी डा.ऋषि कुमार की अध्यक्षता में एक मंडलीय बैठक सम्पन्न हुयी थी जिसमें चित्रकूटधाममंडल के सभी विभागीय अधिकारी आये मगर हमीरपुर से इस बैठक में सीएमओ डा. संतराज, जिला क्षय रोग अधिकारी(डीटीओ) पीके सिंह व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) के जिला प्रबंधक एसके साहू उपस्थित नहीं हुए जबकि सभी को बैठक में अनिवार्य रुप से उपस्थित होने को कहा गया था। महज खानापूर्ति के लिए बैठक के बाद में एसीएमओ डा. आरके यादव व क्षय रोग अधिकारी डा. अनिल कुमार को भेज दिया गया था जिससे इस गंभीर मामले में कोई समीक्षा नही हो पायी है। इस मामले में सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
उन्होंने बताया कि क्षय रोगियो को पांच सौ रुपये आर्थिक सहायता दी जानी है वह मात्र 18 फीसदी रोगियों को ही बंट पायी है जो प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब हालत में है। जिले में रोगियो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिससे इन विन्दुओं पर विस्तार से चर्चा होनी थी मगर हमीरपुर जिले के आला अफसरो ने इस बैठक को गंभीरता से नही लिया और सभी गैर हाजिर रहे। लिहाजा तीन अधिकारियों से फिलहाल स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक उत्तर न आने पर कड़ी कार्यवाही भी की जा सकती है। एडी ने बताया कि प्रदेश क्षय रोग अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन से आये पदाधिकारी ने इस बात को गंभीरता से लिया है ।
यहां क्षय रोगी रामदयाल व शिवकुमार ने बताया कि जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) अपनी सीट पर कभी भी नही बैठते है जिससे न केवल सरकारी काम काज ठप्प पड़े है बल्कि दूर दराज से आने वाले मरीज वापस चले जाते है। अस्पताल में डा अनिल कुमार पर ही समस्त जिम्मेदारी छोड दी गयी है।
यही नही जिला क्षय रोग अधिकारी डा. पीके सिंह ने आज तक सीएचसी पीएचसी का कभी भी दौरा नही किया है जिससे आज तक यही जानकारी नही हो पा रही है कि अस्पताल में नियुक्त लैब टैक्निीशियन (एलटी) ठीक से काम कर रहे है कि नही आज तक ग्रामीण क्षेत्र से कोई रिपोर्ट नही आयी है । हकीकत यह है कि गांव में लगातार मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है यही नही एलटी को दी जाने वाली सुविधाएं साबुन, तौलिया व अन्य सामग्री भी नही दी जा रही जिससे धीरे धीरे इस कार्यक्रम की हवा निकलती जा रही है। दो दिन पहले क्षय रोगी खोज अभियान भी ठीक से शुरुआत नही हो पायी है इस कार्यक्रम मे लगे लोग भी खानापूर्ति कर रहे हैं।
डीटीओ की लापरवाही का नतीजा है कि जिले में न ठीक हो पाने वाले(एमडीआर) मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है।
सं सोनिया
वार्ता
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