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उत्तर प्रदेश-योगी शिक्षा समीक्षा तीन अंतिम लखनऊ

माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया शीघ्रता और पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक सेवा चयन आयोग द्वारा प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापक जैसे पदों के लिए चयन किया जाना चाहिए। राजकीय विद्यालयों अथवा अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सभी शिक्षकों का चयन एक शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा किया जाना चाहिए। इसके लिए एक शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित किया जाए।
समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समयबद्ध निवारण होना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के अध्यापकों की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन की नियत प्रक्रिया होनी चाहिए। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी होनी चाहिए।
श्री योगी ने कहा कि निर्माणाधीन सैनिक स्कूलों, राजकीय इण्टर काॅलेजों आदि का निर्माण गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध ढंग से कराया जाए। उन्होंने नवसृजित मण्डलों एवं जिलो में शिक्षा अधिकारियों के पद सृजन के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को विद्यार्थियों के व्यक्तित्व एवं कौशल विकास के लिए सत्र 2019-20 से व्यावसायिक शिक्षा के हाईस्कूल पाठ्यक्रम के तहत वैकल्पिक विषयों के रूप में दैनिक जीवन में उपयोगी विषयों को सम्मिलित करने के सुझाव भी दिये।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा आर के तिवारी एवं अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार द्वारा मुख्यमंत्री जी को अपने-अपने विभागों की उपलब्धियों के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
त्यागी
वार्ता
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