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मनमानी पर उतारू पावर कारपोरेशन को योगी सरकार की भी परवाह नहीं : वर्मा

लखनऊ 20 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश में बिजली की प्रस्तावित दरों में 25 फीसदी की बढोत्तरी के खिलाफ मोर्चा ले रही उपभोक्ता परिषद ने गुरूवार को आरोप लगाया कि गरीब जनता के हितों के साथ खिलवाड़ पर उतारू पावर कारपोरेशन ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र में किये गये वादे को भी भुला दिया है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने यहां कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर कर रही आबादी को सस्ती दरों में बिजली देने का वादा किया था जिसके मुताबिक पहली 100 यूनिट तक बिजली की दरें तीन रूपये प्रति यूनिट प्रस्तावित था।
उन्होने कहा “ कार्पोरेशन प्रबन्धन ने गरीबों की एक किलोवाट 100 यूनिट को काटकर घरेलू बीपीएल के लिये एक किलोवाट 50 यूनिट प्रस्तावित कर दिया। जब सरकार बनने के बाद वर्ष 2018-19 में टैरिफ व्यवस्था में एक किलोवाट 150 यूनिट बीपीएल को इसी आधार पर एक किलोवाट 100 यूनिट तक तीन रूपये का आदेश जारी कराया गया जो वर्तमान में भी लागू है फिर अब प्रबन्धन भाजपा के घोषणा पत्र पर भारी पड़ रहा है और सरकार चुप है।
श्री वर्मा ने कहा “ पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन को क्या यह ज्ञान नहीं कि आज शहर में पानी भी बिना टूल्लू पम्प के नहीं मिलता फिर ऐसे में गरीब 50 यूनिट में अपना गूजारा कैसे करेगा अभी जो एक किलोवाट 100 यूनिट पर 350 रूपये दे रहा है यदि प्रस्तावित व्यवस्था लागू हो गयी तो एक किलोवाट 100 यूनिट पर उपभोक्ताओं को लगभग 730 रूपये देना पड़ेगा जो 100 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने तंज कसा कि शायद कार्पोरेशन को यह लगा होगा कि भाजपा सरकार का कार्यकाल आधा बीत गया इसलिये अब 100 यूनिट की जगह 50 यूनिट उचित है।
श्री वर्मा ने कहा कि बिजली कम्पनियाें ने 2019-20 के लिये प्रदेश के गरीब ग्रामीण किसानों शहरी घरेलू की बिजली दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग में दी है वहीं दूसरी ओर रेगूलेटरी असेट के मामले पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का प्रदेश की बिजली कम्पनियों पर लगभग 11,851 करोड़ रूपये निकल रहा है और वर्तमान में लड़ाई जारी है। किसी भी हालत में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी न होने दी जोयगी चाहे इसके लिये जो भी आन्दोलन करना पड़े करेंगें और अब तो लड़ाई 11,851 करोड़ का लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं की दिलाना ही एक लक्ष्य है।
प्रदीप
वार्ता
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