लखनऊ 25 जून(वार्ता)उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे निर्माण के लिये बैंकों से धनराशि जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई बैठक में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए बैंकों से ऋण लेने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी दी है।
सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा ने यहां बताया कि एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में सिविल कार्यों के लिए 3,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण को भी मंजूरी दी। पंजाब नेशनल बैंक ने पहले ही 7,800 करोड़ रुपये दिए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक से 1000-1000 करोड़ लिया गया था। वहीं, इन दोनों बैंकों का विलय हो जाने से दो हजार करोड़ का लोन लेने के लिए अलग डॉक्युमेंट प्रक्रिया बनाने पर सहमति दी गई।
उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की तरह मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की धनराशि सीधे राज्य स्तर से लाभार्थियों के खाते में भेजने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा बैठक में सीपीसी की धारा 102 तथा 115 में संशोधन को मंजूरी दी गई। सुलह और मध्यस्थता के अधिनियम में भी बदलाव किया गया। जिसमें 102 बांड की गारंटी 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। धारा 115 में बांड / गारंटी मौजूदा पांच लाख रुपये से अब 25 लाख रुपये होगी। अब उच्च न्यायालय की जगह जिला न्यायालय में भी इस मामले की सुनवाई होगी। मामलों की सुनवाई एडीजी भी कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि सरकारी प्रिंटिंग का काम पहले बाहरी एजेंसी को दिया जाता था। 2002 में इसे बंद कर दिया गया था। अब फिर से ई टेंडर के जरिये निजी क्षेत्र को भी प्रिंटिंग का काम दिया जा सकेगा। हालांकि सरकारी प्रेस को वरीयता दी जाएगी। 50 लाख, एक करोड़ और दो करोड़ की तीन श्रेणी फर्म की होगी। इन फर्मो में ईएसआई, जीएसटी और ईपीएफ रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।
प्रयागराज में इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में कांफ्रेंस हॉल, वीआईपी सूट तथा सड़क के निर्माण 43.99 करोड़ रुपये में बनेगी। इसके अलावा 530 करोड़ रुपये खर्च कर इलाहाबाद उच्चन्यायालय परिसर में वकीलों के चैम्बर और मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के प्रस्ताव को भी दी मंजूरी दी गयी है।
भंडारी
वार्ता