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उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का परिवार बैठा धरने पर, कांग्रेस ने किया भाजपा कार्यालय का घेराव

लखनऊ, 30 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ रायबरेली हुये हादसे की जांच भले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) से कराने की सिफारिस कर दी हो लेकिन राजनीतिक दलों ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई के लिये मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय का घेराव किया।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक सड़के हादसे में उन्नाव बलात्कार पीड़िता तथा उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये थे जबकि उसकी चाची तथा मौसी की मृत्यु हो गयी थी। पीड़िता के परिजनों का राजनीतिक दलों ने इसका आरोप सीतापुर जेल में बंद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगाया था। राजनीतिक दलों ने भाजपा से विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उन्नाव बलात्कार पीड़ित के बचे हुये परिवार के सदस्यों ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में ट्रॉमा सेंटर के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ट्रामा सेन्टर में घायल पीड़िता का उपचार चल रहा है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कुलदीप सेंगर को जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए। पीड़िता के चाचा महेश सिंह जो रायबरेली जेल में बंद है उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
परिवार ने विधायक के भाई पर धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता के चाचा को 72 घंटे के लिए पैरोल पर, अपनी पत्नी पुष्पा के दाह संस्कार में शामिल होने के लिये छूट दिये जाने की मांग की है।
सोमवार को जिले की अदालत ने पैरोल को खारिज कर दिया था और अब मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आवेदन पर सुनवाई की जाएगी। परिवार के सदस्यों ने यह भी मांग की कि पीड़ित के चाचा के खिलाफ सभी मामलों को वापस लिया जाना चाहिए। आरोप लगाया कि भाजपा विधायक पूरे परिवार के सदस्यों को खत्म करने की साजिश कर रहे है।
राजनीतिक दल, विशेष रूप से कांग्रेस ने मंगलवार को जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और उसके बाद भाजपा कार्यालय का घेराव किया। बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पार्टी ने महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुस्मिता देव के नेतृत्व में भी एक धरना प्रदर्शन किया।
दुर्घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य मंत्री स्वाति सिंह को परिवार के सदस्यों से मिलने के लिये भेजा और उन्हें सरकार से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। राज्य सरकार ने घायलों के मुफ्त इलाज की भी घोषणा की।
दुर्घटना को लेकर विपक्ष उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार पर विपक्ष हमलावर रहा है। उन्होंने पीड़िता के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
यह मामला पिछले साल आठ अप्रैल को सामने आया था, जब उत्तर प्रदेश में लखनऊ में श्री आदित्यनाथ के आवास के बाहर पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया। पीड़िता के पिता की उन्नाव में पुलिस हिरासत में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
भंडारी
वार्ता
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