Saturday, Apr 27 2024 | Time 00:38 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


उन्नाव पीड़िता के जिले ने ओढ़ी खामोशी की चादर

उन्नाव 01 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में सड़क हादसे में घायल उन्नाव की बलात्कार पीड़िता का मामला देश भर में भले ही चर्चा का विषय बना हो लेकिन पीड़िता के गृह जिले में इस बारे में कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
उन्नाव मामले को लेकर जहां सूबे की राजनीति गरमायी हुयी है। कांग्रेस,समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को घेर रखा है। लखनऊ समेत विभिन्न शहरों में इस घटना की आड़ में कानून व्यवस्था और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाये जा रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया में भी इस घटना की कड़ी भर्त्सना की जा रही है। उच्चतम न्यायालय ने मामले की गंभीरता को भांपते हुये गुरूवार को इस सिलसिले में कई अहम आदेश दिये। हादसे की शिकार हुई पीड़िता और उसके वकील का लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू) अस्पताल में उपचार चल रहा है। रायबरेली के गुरूबख्शगंज क्षेत्र में उनकी कार को रविवार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी।
इसके विपरीत उन्नाव शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में लोगों ने इस मामले में खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। जिले में इस घटना को लेकर आम लोग के अलावा कोई राजनीतिक दल भी धरना प्रदर्शन करने से परहेज कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों, सरकारी दफ्तरों अथवा कचहरी वगैरह में इस बारे में कोई भी पीड़िता अथवा विधायक के साथ खुले तौर पर सामने आने को तैयार नहीं है। माखी गांव जहां पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, गजब सा सन्नाटा पसरा है और किसी अनजान चेहरे के गुजरते ही लोगबाग अपने दरवाजे बंद कर लेते हैं।
घरों की चारदिवारी के भीतर हालांकि लोग दबी जुबान से पीड़िता के साथ नाइंसाफी की घटना को स्वीकार करते है लेकिन भाजपा विधायक के खौफ के चलते कुछ भी बोलने से कतराते है। उन्नाव बार एसोसियेशन ने हालांकि सड़क हादसे में घायल पीड़िता के वकील को मदद के रूप में एक लाख रूपये की सहायता का एलान किया।
देश में चर्चा का विषय बने इस सनसनीखेज मामले की शुरूआत चार जून 2017 में हुयी थी जब पीड़िता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था लेकिन विधायक पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। आठ अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता को उन्नाव पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया। अगले दिन पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में संदिग्ध रूप से मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया।
प्रदीप
जारी वार्ता
image