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लोकरूचि जन्माष्टमी तेजोमहल दो मथुरा

श्री शर्मा ने बताया कि भागवत भवन के पत्र, पुष्प, रत्न प्रतिकृति, वस्त्र आदि के अद्भुत संयोजन से बनाये गये ‘पुष्प तेजोमहल’ बंगले में विराजमान हेाकर ठाकुरजी बड़े ही मनोहारी स्वरूप में दर्शन देंगे। पत्र, पुष्प, काष्ठ आदि से निर्मित इस बंगले की छठा और कला निश्चित ही अनूठी होगी।
उन्होने बताया कि इस पवित्र अवसर पर ठाकुरजी रेशम, जरी एवं रत्न प्रतिकृति के सुन्दर संयोजन से बनी ‘मृगांक कौमुदी’ पोशाक धारण करेंगे। श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी यानी 24अगस्त को प्रातः मंगला-दर्शन से पूर्व भगवान इसी पोशाक को धारण कर दर्शन देंगे। पोशाक में रत्न, मोती एवं रेशम का उपयोग करते हुये कमल-पुष्प, पत्ती, लता-पता आदि की जड़ाई की गयी है। रेशम एवं रत्न प्रतिकृति के प्रयोग करते समय यह ध्यान रखा गया है कि भक्तों को सभी आकृतियाॅं ठीक से दिखाई पड़ें ।
जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर श्रीकेशवदेव मंदिर से संत एवं भक्तजन ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे, के मध्य भगवान श्री राधाकृष्ण की दिव्य पोषाक अर्पित करने के लिए संकीर्तन करते हुये जायेंगे वहां पर पोषाक, मुकुट, श्रंगार, दिव्य मोर्छलासन, कामधेनु गाय की प्रतिकृति एवं दिव्य रजत कमल के विशेष दर्शन होंगे। इस वर्ष सुन्दर जरी, रेशम एवं रत्न प्रतिकृतियों के संयोजन से दिव्य ‘ब्रजरत्न’ मुकुट, जन्माष्टमी के दिन ठाकुरजी धारण करेंगे तथा भगवान श्रीराधाकृष्ण के दिव्य विग्रह को नवरत्न जड़ित स्वर्ण-कण्ठा धारण कराया जायेगा।
जन्माष्टमी की पूर्व संध्या को 6ः30 बजे भागवत भवन में जन्म महोत्सव की ‘मृगांक कौमुदी’ पोशाक, मोर्छलासन, स्वर्ण मण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा गौ प्रतिमा एवं ‘ब्रजरत्न’ मुकुट के एवं दिव्य रजत कमल-पुष्प के विशेष दर्शन होंगे।
सं प्रदीप
जारी वार्ता
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