राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 24 2019 12:55PM राजनीति एसबीएसपी- सपा दो लखनऊसूत्रों ने बताया कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अब समाजवादी पार्टी के साथ आ सकती है। ओमप्रकाश राजभर पहले भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। पार्टी से मतभेदों के चलते उनको हटा दिया गया था। अब विधानसभा उपचुनाव में सपा के साथ एसबीएसपी मिलकर चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य की 13 विधानसभा सीटों में से, श्री राजभर की एसबीएसपी ने अंबेडकरनगर की जलालपुर और बहराइच की बलहा विधानसभा सीट के अलावा एक और सीट की मांग की है। सूत्रों ने बताया कि सपा नेतृत्व एसबीएसपी को केवल दो सीटें देने में दिलचस्पी दिखायी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान, ओम प्रकाश राजभर की एसबीएसपी ने चार विधानसभा सीटें हासिल की थीं। पार्टी ने इन सीटों पर भाजपा के साथ गठबंधन किया था। दूसरी ओर, श्री ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और गठबंधन से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसी समुदाय के एक और नेता अनिल राजभर को बढ़ावा दे रही है। श्री ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार के आलोचक रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, ओम प्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी को वांछित टिकट नहीं देने के लिए भाजपा खिलाफ बयान दिये और उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को भाजपा के खिलाफ मैदान में उतारा। इस बीच, सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने शनिवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से उपचुनावों की तैयारी करने को कहा है। श्री यादव ने कहा, “आम जनता अब भाजपा के शासन से तंग आ चुकी हैं और हमें उपचुनाव में सभी विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए।” उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओ से उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की वर्तमान स्थिति जैसे 1090 महिला हेल्पलाइन, डायल 100 सेवा इत्यादि का प्रचार करने के लिये कहा है। लोकसभा चुनाव में सपा ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा, लेकिन हार के बाद, बसपा ने गठबंधन से अपने को अलग कर लिया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में, सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। गठबंधन को सफलता नही मिल पायी थी। बाद में गठबंधन टूट गया। उपचुनाव की तैयारियाें में जुटी सपा ने शुक्रवार को पार्टी की पूरी उत्तर प्रदेश इकाइयों को भंग कर दिया, जिसमें राज्य कार्यकारिणी, और जिला और युवा विंग शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी सुधार के प्रयास में जुटी है। पार्टी ने हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को बरकरार रखा है। भंडारीवार्ता