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राष्ट्रीय पुस्तक मेला दो अन्तिम लखनऊ

श्री चंदेल ने बताया कि गंगा जमुनी तहजीब के शहर में चलने वाले इस पुस्तक मेले में इस बार कथक, गजल, संगीत के विशिष्ट कार्यक्रम होंगे। साथ ही प्रदेश भर में पुस्तक मेले के संयोजक स्वर्गीय उमेश ढल की स्मृति में विशिष्ट कवि सम्मेलन व मुशायरा होगा। साथ ही धनुर्विद्या प्रदर्शन का कार्यक्रम होगा। मेले की सफलता का श्रेय भागीदारों, प्रकाशकों और बड़ी तादाद में आने वाले पुस्तक प्रेमियों को जाता है। यहां दस दिन चलने वाले इस मेले का भागीदार प्रकाशकों व पुस्तक वितरकों कों इंतजार रहता है वहीं मेले में हजारों पाठक और खरीदार कई-कई बार आते हैं।
मेले में आए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसे अतिथियों से पे्ररित होकर घरों में पुस्तकालय स्थापित करने, बुक क्लब बनाने और खरीदकर पुस्तक पढ़ने जैसी गतिविधियां इस मेले की ही देन हैं। मेले में हमेशा की तरह इस वर्ष भी स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है, जहां के अपनी पुस्तकें प्रदर्शन व बिक्री के लिए रखवा सकेंगे।
श्री चंदेल ने बताया कि मेले में गांधी बाल एवं युवा मंच पर बच्चों को जहां प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि 21 सितम्बर से ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोक आंगन के सौजन्य से रमेश पाल, सुबोध पाण्डे, संगीता चौबे, ज्योति, रेखा सिंह व नन्दिनी जैसे प्रशिक्षकों के नेतृत्व में उत्तराखण्ड, गुजरात, असम, महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश के लोकनृत्यों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। 22 सितम्बर को किरन फाउण्डेशन के सौजन्य से ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन होगा। ओरियण्ट लैंग्वेज लैब के संयोजन में 21 से 29 तक उर्दू और 28 व 29 सितम्बर को गुजराती की कक्षाएं चलेंगी। पुस्तकों के विमोचन, लेखक से मिलिए, साहित्यिक परिचर्चा कार्यक्रम और कवि सम्मेलन-मुशायरा आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन का आकर्षण होंगे।
भंडारी
वार्ता
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