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राष्ट्रीय विजयदशमी उप्र दो अंतिम लखनऊ

झांसी में नवरात्र के नौ दिनों तक विभिन्न स्थानों पर पंडालों में मां दुर्गा के नौ रूपों की श्रद्धाभाव से पूजा अर्चना के बाद मंगलवार को दुर्गापूजा पर विसर्जन से पहले दर्शनोंं के लिए शहर के मुख्य भाग में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस बार विभिन्न पंडालों में मां की 649 प्रतिमाओं की स्थापना की गयी थी जबकि पूरे जिले में 1080 प्रतिमाओं को स्थापित किया गया था। शहर में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की प्रतिमाओं में कोतवाली थानाक्षेत्र अंतर्गत खटिकयाना में मां काली के भव्य रूप की स्थापना की गयी। नौ दिनों तक पूजा अर्चना के बाद आज बकरों की बलि दी गयी इसके बाद बड़ी संख्या में लोग कंधों पर मां की प्रतिमा को लेकर आगे बढे।
वाराणसी के डीरेका एवं मलदहिया समेत अनेक स्थानों पर बुराई के प्रतिक रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच डीजल रेल कारखाना (डीरेका) मैदान एवं महलदहिया समेत अनेक स्थानों पर बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन किय गये। डीरेका मैदान में 60 फीट लंबे रावण के पुतले का दहन देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचे। कलाकरों द्वारा राम-रावण युद्ध मंचन किया गया। ‘जय-जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के जयकारे के बीच रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के पुतले जलाये गए।
डीरेका में संभावित भीड़ के मद्देजर सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किये गये थे। स्थानीय पुलिस एवं रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान जगह-जगह तैनात किये थे। डीरेका चौराहे समेत आसपास के प्रमुख मार्गों पर यातायात पुलिस के जवान तैनात थे। उधर, बंगाली बहुल क्षेत्रों में आयोजित मां दुर्गा के पंडालों में महिलाओं ने ‘सिंदूर खेला’ की रस्म अदा की। उन्होंने अपनी सुहाग की लंबी आयु के लिए प्रतिमा विसर्ज से पूर्व मां से आशीर्वाद लेकर एक-दूसरे की मांग में सिंदूर डालकर शुभकामनाएं दीं।
बरेली में तीन तलाक पीड़िताओं ने मुस्लिम समाज की दस बुराइयों का दहन किया। यह भी एलान किया कि मुस्लिम समाज की उन तमाम कुरीतियों के अंत के लिए महिलाएं सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेंगी। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी की अगुवाई में 70 से अधिक महिलाएं जुटीं जिन्होने तीन तलाक, हलाला, बहुविवाह सहित समाज की दस बुराइयों को समेटे रावण का पुतला। सभी एक स्वर में, 'कमजोर है नारी, भूल है तुम्हारी'... बस अब और नहीं... जैसे कई नारे बुलंद किए।
टीम प्रदीप
वार्ता
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