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उत्तर प्रदेश-आनंदीबेन बेटी दो अंतिम आगरा

दीक्षांत समारोह में श्रीमती पटेल ने 108 मेधावियों को मेडल प्रदान किए । जिसमें 98 छात्राएं और 23 छात्र शामिल रहे। पदकों में 105 स्वर्ण और 16 रजत में 85 स्वर्ण और 13 रजत पदक छात्राओं को मिले। चार डीलिट, 71 पीएचडी और 127 एमफिल की डिग्री भी इस मौके पर प्रदान की गईं।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यह सदी ज्ञान की सदी है। इस सदी में ज्ञान का विकास कुपोषण सहित देश की अन्य समस्याओं को दूर करने मददगार होगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में आज शिक्षा के स्वरूप में बदलाव आया है। एक प्रकार का सामाजिक परिवर्तन हुआ है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह एक विशेष अवसर होता है। दीक्षान्त समारोह शिक्षा का अन्त ना होकर शिक्षा का वह पडाव है जिसमे विशेष प्रकार का ज्ञान अर्जित करने के बाद नए दायित्वों का प्रारंभ होता है। यह प्रेरणा व संकल्प का दिवस होता है। यह स्मरण कराता है कि जो ज्ञान अर्जित किया है उसका समर्पण समाज के प्रति भी करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से विश्व में प्रसद्धि ताज नगरी में स्थित आगरा विश्वविद्यालय की एक विशेष गरिमा रही है जिसके कारण ही पूरे देश में इस विश्वविद्यालय का नाम बडे सम्मान के साथ लिया जाता है।
श्री शर्मा ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय की 92 वर्ष की यात्रा में बहुत से नामी शिक्षाविद इसके अंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि 14 सम्बद्ध महाविद्यालय से आरंभ हुए विश्वविद्यालय से आज एक हजार से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान सम्बद्ध हैं। आज करीब पांच लाख से अधिक विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं। इस विश्वविद्यालय की तमाम उपलब्धियां हैं और यहां से ज्ञान अर्जित करने वाले विद्यार्थियों ने राष्ट्र के निर्माण में अनुकरणीय भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय ने भी इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी। उनका राष्ट्र के प्रति जो चिन्तन रहा है उससे राष्ट्रवाद की अलख जगाने का हम प्रयास करते हैं। उनका मानना था कि देश व प्रदेश को आगे बढाने के लिए विकास की अवधारणा के साथ ही आगे बढने की कामना लेकर चलना जरूरी है। उनके विचार आज भी पूरी दुनिया में विख्यात है तथा भारत में उनका विशेष महत्व है।
श्री शर्मा ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश को डा शंकर दयाल शर्मा के रूप में राष्ट्रपति तथा स्व अटल बिहारी वाजपेयी और चौधरी चरण सिंह के रूप में दो प्रधानमंत्री दिए हैं। इसके अलावा कई राज्यपाल , मुख्यमंत्री, वैज्ञानिक , खिलाडी सहित तमाम ऐसे नामी गिरामी हस्तियां दी हैं जिन्होंने विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन किया है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण बाबा साहेब के नाम पर करने से उनकी सबको साथ लेकर चलने की सोंच में बढोत्तरी हुई है।
डा शर्मा ने विश्वविद्यालय में अल्प काल में व्यापक सुधारों के लिए कुलपति के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में आज सत्र नियमितीकरण के साथ ही नकल विहीन परीक्षाए सम्पन्न हुई है। यहां पर शासन के लक्ष्य के अनुरूप 15 जून के पूर्व परीक्षा परिणाम निकालने के साथ ही 10 जुलाई से नया सत्र भी आरंभ हुआ है। समय से दीक्षान्त समारोह भी आयोजित हुआ है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापरक शिक्षा में आगे बढे एवं कौशल विकास का नया दौर आरंभ हो तथा प्रगति के नए आयाम स्किल इंडिया ,स्टार्टअप इंडिया के क्षत्र में भी आगे बढे। इस विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक और व्यवसायिक शिक्षा का वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। आज सभी विश्वविद्यालयों में नए नए शोध कार्य आरंभ हुए हैं। उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक बदलाव तथा उनमें ठहराव के साथ ही व्यवहारिक शिक्षा विद्यार्थियों को मिले।
त्यागी
वार्ता
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