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वाराणसी में अवैध धरना-प्रदर्शन पर होगी प्राथमिकी, बंदोबस्त खर्च की होगी वसूली

वारणसी, 26 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान से अलग धरना-प्रदर्शन करना उच्च न्यायालय का अवमानना माना जाएगा तथा संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई के साथ ही उनसे प्रशासनिक बंदोबस्त के खर्च की वसूली की जाएगी।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गुरुवार को न्यायालय के ओदश का हवाला देते हुए कहा कि जिले में शास्त्री घाट पर धरना-प्रदर्शन के लिए स्थान निर्धारित किया गया है, लेकिन इसके अलावा यदि किसी अन्य स्थान पर ऐसा किया गया तो उसे अनुचित मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अनुचित धरना करने वाले व्यक्तियों को नियंत्रित करने में पुलिस एवं प्रशासनिक बंदोबस्त पर हुए व्यय की वसूली की जाएगी।
श्री शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा जिलों में विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन होने के कारण सामान्य को होने वाली परेशानी, यातायात व्यवस्था एवं जाम की समस्या की स्थिति पर आपत्ति करते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए एक पीआईएल उच्च द्वारा स्पष्ट आदेश दिया था। आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन हेतु उचित स्थान निर्धारित किया जाए, ताकि वहां लोकतांत्रिक तरीके से एक तरफ जहां सुचारू रूप से धरना प्रदर्शन किया जा सके, वहीं दूसरी ओर जनसामान्य को किसी भी तरह की परेशानी न हो और कानून व्यवस्था प्रभावित न हो। इस ओदश के तहत वाराणसी शहर में शास्त्री घाट को धरना प्रदर्शन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया था। खेद है कि उच्च न्यायालय के इतने स्पष्ट निर्देश के बावजूद विभिन्न संगठनों के द्वारा अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं। यह न्यायालय के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार के अधीन अधिकारियों के साथ-साथ जन सामान्य की भी है। नगर क्षेत्र के लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर), पुलिस अधीक्षक (नगर), नगर मजिस्ट्रेट, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर समस्त प्रभारी निरीक्षक/ थाना प्रभारी नगर क्षेत्र को निर्देशित किया गया है वे आदालती आदेश का पालन सुनिश्चित करवायें। अपने क्षेत्र सभी जन सामान्य एवं संगठनों की जानकारी में यह तथ्य लायें तथा अपने-अपने क्षेत्र में किसी भी तरह का अनाधिकृत धरना-प्रदर्शन न/न होने दें।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिये गए हैं कि अधिकृत धरना स्थल के लिए जो भी कोई अनुमति मांगे, उस पर कानून व्यवस्था की स्थितियों पर विचार करते हुए विधिवत अनुमति जारी की जाए।
श्री शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्र के लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन), पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट, समस्त पुलिस क्षेत्राधिकारी ग्रामीण क्षेत्र एवं समस्त प्रभारी निरीक्षक/थाना प्रभारी ग्रामीण क्षेत्र को निर्देशित किया है कि अपने क्षेत्र के तहत सभी जन सामान्य एवं संगठनों को धरना प्रदर्शन स्थल की जानकारी दे दें तथा अपने-अपने क्षेत्र में किसी भी तरह की धरना प्रदर्शन अन्य किसी स्थान पर न/न होने दें। निर्धारित स्थल पर धरना प्रदर्शन के लिए जो भी कोई अनुमति मांगे, उस पर कानून व्यवस्था की स्थितियों पर विचार करते हुए विधिवत अनुमति जारी जाने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि भविष्य में यदि कहीं भी अधिकृत स्थल के अलावा अन्य किसी स्थल पर कोई भी व्यक्ति या संगठन धरना-प्रदर्शन आदि करें तो उच्च न्यायालय के आदेश का अवमानना मानते हुए उनके विरुद्ध सभी सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाए। अनुचित स्थान पर धरना-प्रदर्शन की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी कराई जाए तथा जो भी पुलिस एवं प्रशासनिक बंदोबस्त उनको नियंत्रित करने में लगाई जाए, उसका व्यय आंकलित करते हुए उसकी वसूली धरना कर रहे व्यक्तियों से आर सी के माध्यम से की जाए।
उन्होंने संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि इस आदेश को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित नहीं हुआ तो क्षेत्रीय अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता
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