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मथुरा में गो सेवा का श्रीपाद बाबा का सपना साकार

मथुरा में गो सेवा का श्रीपाद बाबा का सपना साकार

मथुरा, 30 दिसम्बर (वार्ता)- गो सेवा और गो रक्षा का जो सपना ब्रज अकादमी वृन्दावन के संस्थापक ब्रह्मलीन संत श्रीपाद बाबा ने लगभग चार दशक पहले देखा था उसे उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वही कार्य कराकर अनजाने में इस महान संत की इच्छा को पूरा कर रही है।

वैसे तो प्रभुदत्त ब्रह्मचारी, देवरहा बाबा, स्वामी वामदेव, स्वामी अखंडानन्द, बाबा चन्द्रमादास जैसे वृन्दावन के संतों ने समय समय पर गोसंरक्षण, संवर्धन एवं गाय को कटने से बचाने की आवाज उठाई थी किंतु संत श्रीपाद बाबा ने इस कार्य के लिए हर दरवाजा खटखटाया था लेकिन उनके जीवनकाल में उनका सपना साकार नही हुआ।

श्रीपाद बाबा का कहना था कि कम से कम कान्हा की नगरी में तो गायों की दुर्दशा नही होनी चाहिए । उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, तत्कालीन उप राष्ट्रपति वेंकटरमन, उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री एवं मथुरा के प्रभारी मंत्री रघुवीर सिंह यादव, शिक्षा मंत्री स्वरूप कुमारी बख्शी आदि सेे इस दिशा में कार्य करने के लिए कहा था किंतु सभी नेताओं ने उन्हें आश्वासन ही दिया ।

कहा जाता है कि विधाता द्वारा हर अच्छे कार्य का एक समय निर्धारित कर दिया जाता है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई और उसने सच्चे दिल से गायों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कार्य किया और केवल बछिया पैदा करने , देशी गाय की नस्ल सुधारने, देशी गाय को कामधेनु बनाने, आवारा गायों के लिए कान्हा गोशाला बनवाने, साड़ों को अलग रखने जैसी मात्र योजना ही नही बनाई बल्कि उसे कार्यरूप में परिणत कराया और गायों का कटना बंद कराया।

श्रीपाद बाबा के शिष्यों ने गो पालन का आदर्श स्थापित किया तथा जिस गाय या बैल को किसी गोशाला ने नही लिया उस तक को लेने से परहेज नही किया।आज ब्रज अकादमी की गोशाला में जिस प्रकार साढ़े सात हजार गायें सुखी जीवन बिता रही हैं ।

इस महान संत की पुण्य तिथि 31 दिसम्बर की पूर्व बेला में बाबा के समर्पित शिष्य गोविन्द पाण्डे ने बताया कि दस गायों से शुरू हुई इस गोशाला में न केवल साढ़े सात हजार गायें हैं बल्कि उनके लिए आधुनिक टिन शेड बनाए गए हैं।आज श्रीपाद गोशाला में एक भी गाय रात खुले आसमान के नीचे नही बिताती है। इस गोशाला में जानवरों का एक अस्पताल भी बन गया है और अधिक बीमार गायों को वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी में इलाज के लिए ले जाने के लिए एम्बुलेन्स भी आ गई है, तथा गाय के खड़े न हो पाने के कारण जिनका इलाज ठीक से नही हो पा रहा था उसे खड़ा करने की मशीन भी आ गई है।

सं विनोद

वार्ता

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