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जालौन में धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन का काला कारोबार

जालौन में धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन का काला कारोबार

जालौन 18 मार्च (वार्ता) भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति पर काम कर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कवायद पर अधिकारी पलीता लगाने में जुटे है। जालौन के उरई में रोक के बाद भी घाटों पर अवैध तरीके से मौरंग खनन किया जा रहा है।

सरकारी आदेश का मखौल उड़ाते हुये जिला खनन अधिकारी की मिली भगत से नियमों को ताक पर रखकर सिमरिया और बंधौली घाट पर जलधारा से मौरंग निकाली जा रही है। जिससे न सिर्फ राजस्व की भारी चपत लग रही है, बल्कि एनजीटी केे नियम कायदे भी ठेंगे पर दिखाई दे रहे है।

तीन साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद मौरंग माफियाओं पर नकेल कसी थी। कुछ समय के लिये लोगों को लगा था कि अवैध खनन में लगाम लग सकी है लेकिन जिला खनन विभाग की मिलीभगत से माफियाओं के हौसले फिर से बुलंद हो चुके है और अवैध खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी है।

खनिज विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में इस समय आठ घाट संचालित हो रहे है। जिनमें बंधौली में तीन खंड, सिमिरिया में एक, कालपी में दो,खरका और भेड़ी खुर्द शामिल है। सूत्रों के मुताबिक इन सभी घाटाें से मौरंग उठाई जा रही है। दिन हो या फिर रात,24 घंटे जेसीबी और पोकलैंड से मौरंग खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं, मौरंग माफिया नदी में पल रहे जीव जंतुओं की भी परवाह बगैर किए धड़ल्ले से पोकलैंड से मौरंग उठाकर जेबें भरने में लगे हुए है।

इस बारे में जिला खनिज अधिकारी रंजीत निर्मल ने कहा कि जिले में कहीं पर भी अवैध मौरंग खनन नहीं हो रहा है। यदि किसी को अवैध खनन की जानकारी है तो वह लिखित शिकायत करे, उसके बाद ही विभाग इसकी जांच करेगा। साथ ही अधिकारियों के साथ छापेमारी भी की जाएगी। मौके पर खनन होता मिलता है तो कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि जिला खनिज विभाग की मिलीभगत के बगैर खनन के खुले कारोबार का सवाल ही नहीं उठता। अधिकारी को भलीभांति पता है कि अवैध खनन किया जा रहा है। इसके बावजूद वह लिखित तौर पर शिकायत मांगते है क्योंकि उन्हे पता है कि हर विधा में माहिर माफियाओं की लिखित शिकायत की हिम्मत शायद कोई भला मानुष नहीं करेगा।

सूत्रों ने बताया कि शासन ने निगरानी के लिए सीसी टीवी और धर्मकांटे लगवा रखे हैं, लेकिन मौरंग माफियाओ ने दूसरे रास्ते से ट्रकों की निकासी के लिए रास्ता बना रखा है। अधिकारियों को इसकी जानकारी के बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि मौरंग खनन माफिया जेबें भरने के चक्कर में वन विभाग की जमीन को भी नहीं छोड़ रहे हैं। बंधौली, सिमिरिया और भेड़ी ऐसे प्रमुख घाट हैं, जहां पर पट्टे की मौरंग खत्म हो गई है। अब सवाल इस बात का यह है कि इसके बाद भी मौरंग उठाई जा रही है।

बालू से लदे ओवरलोड वाहनों को धड़ल्ले से गुजारा जा रहा है। टोल टैक्स हो या फिर थाने, सभी से मौरंग से लदे ओवरलोड वाहन आसानी से गुजर जाते हैं। इनको कभी भी सडकों पर फर्राटा भरते हुए देखा जा सकता है।

सं प्रदीप

वार्ता

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