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उत्तर प्रदेश कोरोना बुंदेलखंड दो अंतिम महोबा

बुंदेलखंड में निर्बल वर्ग के किसानों,श्रमिको के कल्याण के लिए काम कर रही संस्था कृति शोध संस्थान के निदेशक मनोज कुमार के मुताबिक पूरे बुंदेलखंड की 15 लाख से ऊपर की आबादी महानगरों की निवासी हो गई। विभिन्न शहरों में इनकी झुग्गियों की बाकायदा कालोनियां है। जहाँ वे अपने पूरे परिवार के साथ लंबे समय से रह रहे है। इन मजदूरों में अधिकांशतः निर्माण कार्य से जुड़े दिहाड़ी श्रमिक है जिनका रोज कमाना खाना होता है।
इसके अलावा कुछे एक ऐसे भी है जो औद्योगिक इकाइयों में कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण करते है। यह पहला मौका है जब कोरोना वायरस के चलते आई बड़ी विपदा के कारण यह सभी एक साथ अपने घरों को वापसी के लिए मजबूर हुए है। यही वजह है कि उक्त श्रमिको की एक साथ घर वापसी यहां की व्यवस्थाओ को छिन्न.भिन्न कर रही है।
जिलाधिकारी अवधेश तिवारी ने बताया कि लाकडाउन के कारण उत्पन्न हुई दुश्वारियों के चलते महानगरों से भारी संख्या में श्रमिकों का अपने घरों की ओर पलायन शुरू हुआ है। संसाधनों के अभाव में लोग अपने परिवार के साथ पैदल ही गान की ओर निकल पड़े है। बीते दो दिनों से परिवहन निगम की बसों द्वारा अकेले महोबा जिले में ही सैकड़ो की संख्या में मजदूरों को लाकर छोड़ा गया है जिनके लिए व्यवस्थाये जुटाना भले ही चुनोती पूर्ण है लेकिन जिला प्रशासन इस कठिन घड़ी में हरेक को उसके गंतब्य तक पहुचाने व प्रत्येक व्यक्ति के आवास तथा भोजन का प्रबंध करने के दायित्व का समुचित निर्वहन कर रहा है। ग्राम पंचायतों को इस संबंध में विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए है।
श्री तिवारी ने बताया कि घर वापस लौटे श्रमिको की भारी भीड़ होने के कारण सभी का चिकित्सकीय परीक्षण न हो पाने पर अब उनके नाम पता व मोबाइल फोन नम्बर को दर्ज करा कर सीधे घर भेजा जा रहा है। सभी श्रमिको को 14 दिनों तक अपने घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है।
इस दौरान उनके भोजन व राशन की ब्यवस्था करने के लिए संबंधित ग्राम के प्रधान व सरकारी सस्ते मूल्य की सामग्री के विक्रेता को लगाया गया है। गांवों में बाहर से आने वाले लोगो की पहचान के लिए उनके घरों के बाहर सूची भी चस्पा कराई जा रही है। विभिन्न ग्राम पंचायतों में सामुदायिक रसोई की ब्यवस्था शुरू करे गई है ताकि किसी प्रकार की भी लोगो को दिक्कत न हो। इसके अलावा महोबा मुख्यालय में विभिन्न स्वयं सेवी सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से गरीब, असहाय व लाचारों को भोजन के पैकेट वितरित किये जाने का क्रम जारी है।
सं प्रदीप
वार्ता
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