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काेरोना:प्रशासन के लिए रविवार का दिन राहत भरा

गाजियाबाद 29 मार्च (वार्ता) कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन के पांचवें दिन रविवार को दिल्ली सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और गौतमबुुद्ध नगर जिलों में प्रशासन के लिए कुछ राहत भरा साबित हुआ क्योंकि सड़कों पर पलायन करने वालों की भीड़ कम रही।
दिल्ली सीमा से लगे गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासनों ने राहत केंद्र ओर अश्रय स्थल खोल दिए हैं। प्रशासन स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ भुखे लोगों को खाना और ठहरने की व्यवस्था प्रदान कर रहा है। पलायन कर रहे यात्रियों और प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने अतिरिक्त बसों की भी व्यवस्था की है।
दोनों जिला प्रशासनों ने रविवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा को पुरी तरह सील कर दिया। रविवार की सुबह कौशांबी, आनंद विहार और लाल कुआ बस अड्डे को खाली करवा दिया गया है। हालांकि दोपहर को हरियाणा रोडवेज की बसों के कारण लाल कुंआ पर पलायन कर रहे यात्रियों और प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा लग गया।
इसबीच उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली से पैदल अपने गंत्वय स्थान जा पैदल जा रहे लोगों के लिए हरियाण सरकार से 600 बसों का प्रबंध किया है। इन बसों का खर्च उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी। इसके लिए करीब एक हजार से अधिक बसें उत्तर प्रदश राज्य सड़क परिवहन निगम ने भी सड़कों पर उतारी हैं जो जिला प्रशासन के निर्देशन में संचालित की जा रही है।
दिल्ली से पलायन कर रहे यात्रियों ओर गरीब निराश्रय लोगों के लिए प्रशासन और कई समाजसेवी संस्थाओं ने भी मदद को हाथ बढ़ाए है। ऐसे लोगों के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने 11 समुदायिक रसाेई एवं राहत केंद्र और 18 आश्रय स्थल बनाए है।
इसके अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वें प्राधिकरण भी अपने स्तर से सेनेटाईजेशन और लोगों की मदद के काम में अपना योगदान दे रहे है।
दरअसल शनिवार का दिन दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन के लिए कठिन चुनाती वाला साबित हुआ वहीं रविवार को दोनों तरफ के प्रशासन और पुलिस के लिए काफी राहत भरा रहा है। अगर दिल्ली के आनंद विहार की बात करें तो शनिवार की आपेक्षा रविवार को पलायन करने वाले पूर्वांचल और बिहार जाने वाले यात्रियों संख्या काफी कम रही। हालांकि रविवार को भी दिल्ली के पलायन करने वाले लोग सड़कों पर पैदल जाते नजर आए। इस दौरान दिल्ली से कानपुर की तरफ पैदल जा रहे एक दिहाड़ी मजदूर ने बताया कि वह दिल्ली में काम करता था। लॉक डाऊन के कारण काम नहीं है। रहने का ठिकाना नहीं है। ऐसे में दिल्ली रहकर क्या करें। परिवार के लोग चिंतित और डरे हुए है। इसी तरह कई अन्य लोगों ने भी कुछ इसी तरह की समस्या बताई।
सं.संजय
वार्ता
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