राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 22 2020 10:41AM कुशीनगर में सिचाई का संकट बरकरार, नेपाल के साथ बैठक बेनतीजाकुशीनगर, 22 मई(वार्ता)उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सिंचाई के सबसे प्रमुख स्रोत गंडक नहर में पानी छूटने पर अभी संशय बरकरार है। भारत व नेपाल के अधिकारियों के बीच गुरूवार को हुई बैठक में बैराज की मरम्मत के लिये सीमा पार करने की अनुमति के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई। मरम्मत के अभाव में नहर में सिंचाई के लिए पानी छोड़ने के अलावा बाढ़ के दौरान भी पानी को नियंत्रित करने में दिक्कत आ सकती है। गंडक बैराज के कार्यपालक अभियंता मोहम्मद जमील अहमद ने शुक्रवार को यहां बताया कि भारत और नेपाल के अभियंताओं और अधिकारियों की एक बैठक गंडक बैराज के 36 नंबर फाटक के पास नेपाली क्षेत्र में संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि 24 मई से मुख्य पश्चिमी गंडक नहर के लिए पांच हजार क्यूसेक के साथ ही बेतिया डिवीजन व सूरजपुरा पावर हाउस के लिए पानी की मांग की गई है। इसके लिए नेपाली क्षेत्र में कटावरोधी कार्य के लिए मशीन व श्रमिकों व पर्यवेक्षण के लिए आवागमन जरूरी है। उन्होंने बताया कि नेपाल के नवलपरासी जिले के सीडीओ से इस मामले में कई बार पत्राचार किया गया ताकि समय से कटावरोधी कार्य समेत अन्य मरम्मत कार्य पूरा करके नहरों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा सके। वहीं बैराज के क्षतिग्रस्त तीन फाटकों को बदलकर पुल को भी सुरक्षित करने का कार्य किया जा सके। नेपाल के अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण व सीमा सील होने का हवाला देते हुए आवागमन की अनुमति नहीं दी गई। बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। इसके चलते अभी मरम्मत कार्य नहीं कराया जा रहा है।सं भंडारीवार्ता