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औरैया: मनरेगा में काम मिलने से प्रवासी श्रमिक खुश, अब नहीं जाएंगे परदेश

औरैया, 15 जून (वार्ता)उत्तर प्रदेश के औरैया में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से घर लौटे नौ हजार प्रवासी श्रमिक राेजगार मिलने से खुश है।
विकास विभाग के परियोजना निदेशक हरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले की 467 ग्राम पंचायतों में मनरेगा की कुल 731 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इनमें कुल 28108 श्रमिक काम कर रहे हैं, जिनमें से नौ हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक हैं। सभी विभागों को श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया कराने के लिए कार्य योजनाएं तैयार करने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के साथ श्रमिको को खाद्यान्न योजना, डीबीटीएल स्कीम समेत ज्यादा से ज्यादा लाभकारी योजनाओं से लाभान्वित कराए जाने के शासन के निर्देशों का असर स्थानीय स्तर पर साफ दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में मनरेगा के तहत 9000 से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को काम पर लगाया गया है, काम मिलने से यह मजदूर खुश हैं। ज्यादातर का अभी यही कहना है कि वे अब काम के लिए बाहर नहीं जाने वाले हैं।
श्री सिंह ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराए जाने के लिए सरकारी प्रयासों की पड़ताल में ज्यादातर जगहों पर मनरेगा के तहत कई परियोजनाओं पर काम करते श्रमिक नजर आए। अजीतमल क्षेत्र की ग्राम पंचायत ऊंचा में तालाब के किनारे पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदे जाने के काम में 35 श्रमिक लगे मिले, इनमें 18 प्रवासी थे।
उन्होंने बताया कि जिले की ग्राम पंचायत बहादुरपुर ऊंचा में संपर्क मार्ग के निर्माण में 98 श्रमिक लगे थे, जिनमें 17 प्रवासी थे। एरवाकटरा ब्लॉक के सराय शीश ग्रान में तालाब की खुदाई में 60 श्रमिक लगाए गए हैं इनमें 20 प्रवासी हैं। अछल्दा ब्लाक की ग्राम पंचायत पाता में नाला खुदाई के काम में 88 श्रमिक लगे थे जिनमें से 33 प्रवासी हैं इसी तरह यहां तालाब खुदाई के काम में 92 श्रमिक लगे नजर आए जिनमें 32 प्रवासी थे। भाग्यनगर की हैदरपुर पंचायत में तालाब खुदाई के काम में 81 श्रमिक लगे जिसमें 27 प्रवासी थे, अछल्दा के बीचईपुर में गड्ढे खोदने में 19 श्रमिक लगे जिसमें 04 प्रवासी थे, गुनौली में गड्ढे खोदने में 22 श्रमिक लगे जिसमें 06 प्रवासी थे। इसी प्रकार हरचंदपुर में तालाब जीर्णोद्धार के काम में कुल 118 श्रमिकों के बीच 28 प्रवासी श्रमिक भी कार्य करते नजर आए।
श्री सिंह ने बताया कि मनरेगा परियोजनाओं में काम करते मिले ज्यादातर श्रमिकों का यही कहना था कि सरकार उनका ध्यान रख रही है, मई और जून में निशुल्क खाद्यान्न मिला है। नगद धनराशि की भी मदद मिली है और मनरेगा में काम भी मिल रहा है तो ऐसे में काम के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने का मन नहीं है और ना ही परिवार के लोग इसकी इजाजत दे रहे हैं।
सं भंडारी
वार्ता
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