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चीनी मिल समितियों में अंशधारक किसानो को प्रमाणपत्र : आयुक्त

लखनऊ, 20 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने करे जेकी अंशधारक कृषक सदस्यों को शेयर प्रमाण-पत्र जारी किये जाने का निर्देश दिये हैं।
गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने शनिवार को बताया कि इन अंश प्रमाण पत्रों का लेखा जोखा रखने के लिये शेयर अंश फीडिंग की व्यवस्था विभागीय ईआरपी पर भी कराये जाने के लिये माॅड्यूल विकसित कराये गये हैं, जिस पर 77 प्रतिशत फीडिंग काम पूरा कर लिया गया है।
उन्होने बताया कि सभी सदस्यों को जो नियमित सदस्य होने की अर्हता रखते हों तथा न्यूनतम अंश जमा किये हुए एक वर्ष हो गया हो तो उपविधियों में दी गयी व्यवस्था के अन्तर्गत शेयर प्रमाण-पत्र जारी किये जायेंगे। प्रदेश की सभी 169 गन्ना समितियों मे 56.73 लाख पंजीकृत सदस्यों में से 52.96 लाख कुल शेंयर धारक सदस्य है, जिनके द्वारा 113.20 करोड़ रूपये का अंश जमा किया गया है, जिनमें से 40.71 लाख शेयर धारक सदस्यों के 81.07 करोड़ रूपये के शेयर अंश का फीडिंग कार्य पूर्ण हो चुका है जो कि 77 प्रतिशत है। इनका वितरण शीघ्र ही प्रारम्भ हो जायेगा।
श्री भूसरेड्डी ने प्रदेश की सभी 24 चीनी मिल समितियों के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सभी चीनी मिल समितियों मे कुल अंश धारकों की संख्या 11.28 लाख है जिनके द्वारा कुल रू.160.53 करोड़ अंश धन जमा किया गया है जिनमे से 9.05 लाख सदस्यों को रू.118.26 करोड़ के अंश प्रमाण-पत्रों को वितरण कृषकों को किया जा चुका है, अर्थात 80 प्रतिशत अंशधारकों को अंश प्रमाण-पत्र वितरित किये जा चुके है। शेष अंश प्रमाण-पत्रों का वितरण भी शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि अंशधारक कृषकों को अंश प्रमाण-पत्र वितरण के लिये अभियान चलाने का निर्णय प्रदेश के इतिहास में प्रथम बार लिया गया है। अंश प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर गन्ना कृषकों का गन्ना समितियों,चीनी मिल समितियों की वित्तीय प्रणाली पर विश्वास दृढ़ होगा तथा इससे सभी हित धारक पक्षों को पूर्ण लगन के साथ इन समितियों के सुदृढ़ीकरण के लिये प्रेरणा प्राप्त होगी।
प्रदीप
वार्ता
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