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फिर उठी विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग

मथुरा 21 जून (वार्ता) इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल को उपभोक्ता विरोधी, किसान विरोधी, उद्योग विरोधी बताते हुए बिजली इंजीनियरों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बिल को वापस लेने की मांग दोहरायी है।
उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि प्रस्तावित बिल राज्यों की प्रभुसत्ता पर अतिक्रमण है क्योंकि बिजली संविधान में समवर्ती सूची में है जिसके अन्तर्गत बिजली के मामले में राज्यों का बराबर का अधिकार है, यही कारण है कि कई राज्य सरकारों ने इस मामले में केन्द्र की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इसे देखते हुए जरूरी हो गया है कि बिल को वापस लिया जाय और बिल के सभी विवादस्पद प्राविधानों पर चर्चा की जाए ।
उन्होने कहा कि वर्चुअल संसद में इस गंभीर मुद्दे पर उस रूप में चर्चा नही हो पाएगी जिस रूप में सामान्य संसद में होती है इसलिए ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर मांग की है कि बिल पर तभी चर्चा की जाए जब इसके लिए संसद का विधिवत सत्र चलना संभव हो। तब तक इस बिल को ठंढ़े बस्ते में डाल दिया जाय।
सं प्रदीप
जारी वार्ता
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