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कुशीनगर एयरपोर्ट का श्रेय लेने की मची होड़

लखनऊ 25 जून (वार्ता) केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भगवान बुद्ध की महापरिनिर्माण स्थली कुशीनगर में हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा दिये जाने के बाद राजनीतिक दलों के बीच एयरपोर्ट निर्माण की पहल का श्रेय लेने की हाेड़ मच गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि इस फैसले से कुशीनगर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास के नये रास्ते खुलेंगे वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने हवाई अड्डे का श्रेय अपनी अपनी तत्कालीन सरकारों को दिया है।
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरूवार को ट्वीट किया “ सपा काल में शुरु हुए कुशीनगर एअरपोर्ट को इंटरनेशनल एअरपोर्ट की कैबिनेट मंजूरी मिलने पर उन सबको बधाई जिन्होंने कई साल पहले ये प्रयास आरंभ किया था। सपा काल में प्रारंभ हुए मेरठ, मुरादाबाद, चित्रकूट, आज़मगढ़ व अन्य एअरपोर्ट को भी यथाशीघ्र अनुमति दी जाए। उन्होने लिखा “ सपा का काम जनता के नाम।”
उधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने ट्विटर हैंडल पर लिखा “ जेवर की तरह लम्बी प्रतीक्षा के बाद कुशीनगर हवाई अड्डे को अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा मिलना खासकर यूपी के लिए अच्छी बात है क्योंकि जगजाहिर है कि बुद्धिस्ट सर्किट के तहत कुशीनगर एयरपोर्ट को पीपीपी माडल पर विकसित करने की तैयारी बीएसपी शासनकाल में ही शुरू हुई थी। अब सरकार इसे जल्द पूरा करे।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होने पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढोत्तरी पर चिंता व्यक्त करते हुये लिखा “ देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोलियम पदार्थों की नियमित तौर पर हर दिन बढ़ती कीमत के बाद अब डीजल की कीमत पहली बार पेट्रोल से भी ज्यादा हो गई है, यह हर प्रकार से काफी चिन्ता की बात है। सरकार इसपर प्रभावी नियंत्रण करे, यह बी.एस.पी. की माँग है।”
गौरतलब है कि कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिये केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मंजूरी दी थी। दरअसल, वर्ष 1948 में कसया में ऐरा ड्रम (हवाई पट्टी) का निर्माण कराया गया था हालांकि यहां से कोई उड़ान सेवा शुरू नहीं होने के कारण करीब चार दशक तक हवाई पट्टी बेकार पड़ी रही और उसकी अधिकांश जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया।
वर्ष 1995 में केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने इस हवाई पट्टी की सुधि ली और बाउंड्री वाल कराने समेत यहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) की इमारत और एक गेस्ट हाऊस का निर्माण कराया लेकिन हवाई सेवा शुरू नहीं होने के चलते जल्दी ही एयरपोर्ट फिर पुरानी स्थिति में आ गया।
वर्ष 2008 में कुशीनगर आईं बसपा सुप्रीमो एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पर्यटन सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुशीनगर विकास प्राधिकरण के गठन तथा हवाई पट्टी को कुशीनगर अंतरारष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा कीं। इसके बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करने में ही चार साल लग गए।
वर्ष 2012 में राज्य में अखिलेश यादव की नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू तो हुआ मगर जल्द ही इसमें एक बार फिर ग्रहण लग गया जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने खर्च के अनुरूप यात्रियों की संख्या नहीं आने का हवाला देते हुए निर्माण कार्य से हाथ पीछे खींच लिया।
इसके बाद सपा सरकार की पहल पर 2016 में हवाई अड्डे को पुनः अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप ही पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाने लगा। 584.35 एकड़ जमीन पर बन रहे इस एयरपोर्ट का रनवे, फायर बिल्डिंग व बाउंड्रीवाल का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा नई एटीसी बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है। सड़क चौड़ीकरण के लिए भी 21 करोड़ रुपये अवमुक्त हो चुके हैं।
पिछले वर्ष गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की जिससे कयास लगाये जाने लगे कि गोरखपुर में एयरपोर्ट बन जाने के बाद कुशीनगर एयरपोर्ट का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सांसद विजय कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री से मिलकर इसके लिए पहल की तो मुख्यमंत्री के प्रयास से निर्माण कार्य में तेजी आई। पिछले दिनों सड़क चौड़ीकरण के साथ ही निर्माणाधीन एयरपोर्ट परिसर में स्थित शिवमंदिर व स्कूल को भी हटाने का रास्ता साफ हो गया।
जिलाधिकारी भूपेंद्र एस चौधरी ने बताया कि कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मानक के अनुरूप ही विकसित किया जा रहा है। काफी काम हो चुका है। सरकार की मंशा है कि यहां से जल्दी से जल्दी उड़ान शुरू कराई जाए। इसके लिए भी तैयारी की जा रही है।
प्रदीप
वार्ता
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