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मजाक उड़ाने वाले आये सात्विक आहार की शरण में

सहारनपुर 05 जुलाई (वार्ता) विदेशी संस्कृति अपनाने वाले लोग, भारतीय संस्कृति का मजाक उडाने वाले लोग ही आज भारतीय संस्कृति की देन सात्विक आहार ले कर अपने को कोरोना से बचाने के लिए इम्यूनिटी को बेहतर कर रहे है।
तमोगुणी आहार लेने वालो को प्रणायाम से लाभ नही मिलता। ऐसे लोग जो प्रतिदिन शाम को अल्कोहल व मांस का आहार लेते है और सुबह प्राणायाम का अभ्यास भी करते है ऐसे लोगों को स्वास्थ्य लाभ बहुत अधिक नही मिल सकता।गुरू राम राय विश्वविद्यालय देहरादून के एसोसिएट प्रोफेसर कंचन जोशीने आज :यूनीवार्ता: से कहा कि आज कोरोना के डर को दूर करने के लिए तामसिक प्रवृत्ति रखने वाले लोग भी योग व प्राणायाम कर रहे है और दूसरों को भी करा भी रहे है।
यौगिक परम्परा में हमारे सभी ग्रंथ सा त्विक आहार पर जोर देते रहे है। हमारी किसी भी चिकित्सा पद्धति में सत्तर प्रतिशत बीमारी शुद्ध व सात्विक आहार लेने से ठीक की जा सकती है।
श्री जोशी ने कहा कि अभी जो लोग कोरोना से लडाई लड रहे हैं वे सभी अपने आहार विहार को बेहतर कर रहे हैं। सभी लोग गरम पानी का उपयोग कर रहे है । विटामिन सी लेने पर ध्यान दे रहे हैं और सिट्रिक फल ले रहे हैं । गिलोय , काली मिर्च, दालचीनी जैसी चीजे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने में सहायक बनी है।
उन्होंने बताया कि कारोना वायरस का अभी तक सैकडों बार म्यूटेशन हो चुका है, यानि इसका रूप परिवर्तित होने से यह अब कमजोर पडता जा रहा है। अब बहुत सारे लोग जो 75 वर्ष की आयु होने पर मधुमेह के शिकार थे, उन्होने भी अपने नियमित योगाभ्यास व सात्विक आहार से कोरोना की जंग को जीता है।
श्री जोशी ने कहा कि मांसाहारी भोजन लेने वालों की अपेक्षा सात्विक भोजन लेने वालो की इम्यूनिटी कोरोना से बेहतर तरीके से लड रही है।
इम्यूनिटी को बढाने के लिए खट्टे फल ,हल्दी वाला दूध हमारे शरीर काे बेहतर तरीके से रोग से लडने में मदद करता है । यदि सभी योग व प्राणायाम व सात्विक आहार लेते है तो निश्चित रूप से कोरोना से जंग जीती जा सकती है ।
सं विनोद
वार्ता
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