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बुलंदशहर में 12 साल पुराने हत्या के मामले में एक को आजीवन कारावास

बुलंदशहर, 23 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले की एक अदालत ने किशोर की हत्या कर सबूत मिटाने के 12 साल पुराने मामले में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा के साथ दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 नबम्बर 2008 को अरनिया थाने में जहानपुर निवासी कुशलपाल सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई की उसका 13 वर्ष का बेटा मोनू उर्फ मनबीर घर से साईकिल से तेल लेने निकला था और उसके पास 800 रुपए थे । रास्ते में करनपाल सिंह और उसके पिता शिशु पल सिंह निवासी अरनिया खुर्द ने रुपये लूट लिये और विरोध करने पर उसकी गाला दबा कर हत्या कर दी। हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए उन लोगों ने शव को गन्ने के खेत में छुपा दिया और फरार हो गए।
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर मोनू का शव और साइकिल बरामद कर ली थी। विवेचना के बाद दोनों के विरुद्ध चार्ज शीट अदालत में दाखिल की गई। इस दौरान एक अभियुक्त शिशु पाल सिंह की मौत हो गई । मुकदमे की अंतिम सुनवाई अपर जिला जज (एडीजे) खुर्जा नीरज कुमार गर्ग ने अदालत में दोनो पक्षों की दलील एवं सबूतों के आधार पर करनपाल सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा व 10 हजार रुपए का जुर्माना किया।
एडीजे ने जमानत पर चल रहे करनपाल को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। मुकदमें की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रश्मि सोलंकी ने की।
सं त्यागी
वार्ता
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