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वाराणसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर लगे 104 पौधे

वाराणसी 25 सितंबर (वार्ता) एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104 वीं जयंती पर यहां पौधारोपण समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। उनकी जयंती के 104 साल पूरे होने पर 104 पौधे भी
लगाये गये ।
वाराणसी-चंदौली सीमा पर पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने 104 पौधे लगाये तथा उनकी 60 फुट ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया।
भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सादगी की प्रतिमूर्ति थे। कुशल संगठनकर्ता एवं दार्शिनिक थे। उनकी लेखनी उच्च कोटि की थी। उनके लेखन और भाषण राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत थे।
जिस अर्थ नीति के बारे में दीनदयाल जी ने 1965 में कहा था, उसका पालन 2014 से अब तक किया जा रहा है। उनका मानना था कि किसानों को स्वतंत्रता होनी चाहिए, मध्यस्थों को हटाया जाना चाहिए, ताकि किसानों को मुनाफा
हो। उनके इन विचारों को अमल में लाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधान पार्षद विजय बहादुर पाठक ने कहा कि एक उत्कृष्ट संगठनकर्ता के रूप में दीनदयाल जी ने जो वैकल्पिक राजनीति की नींव रखी थी, आज उस पर अमल करने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा सरकार देश के गरीब, वंचित एवं शोषित वर्ग को विकास की मुख्यधारा में लाने का काम कर रही है।
पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने यहां बड़ी ‘एलईडी स्क्रीन’ पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती के अवसर पर दिए जा रहे उद्बोधन को सुना।
कार्यक्रम की शुरुआत वाराणसी महानगर विद्या सागर राय, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा एवं चंदौली जिला अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जला के की ।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी एवं रविन्द्र जायसवाल समेत अनेक नेता मौजूद थे।
बीरेंद्र विनोद
वार्ता
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