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गन्ने में लाल सड़न रोग से प्रभावित किसानो को सलाह

लखनऊ 06 नवंबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में गन्ने में लग रहे लाल सड़न रोग से प्रभावित फसल को लेकर गन्ना मंत्री सुरेश राणा के नेतृत्व में अधिकारियों से विचार विमर्श किया और किसानो को जरूरी दिशा निर्देश जारी किये।
समीक्षा बैठक में गन्ना आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक, उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के निदेशक, परिक्षेत्र लखनऊ, देवीपाटन, फैजाबाद, गोरखपुर एवं देवरिया के उप गन्ना आयुक्तों ने हिस्सा लिया।
सम्बन्धित उप गन्ना आयुक्तों ने बताया कि लाल सड़न रोग से मुख्यत लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, बस्ती, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया एवं आजमगढ़ जिलें प्रभावित है।
इस सम्बन्ध में गन्ना किसानो को सलाह दी गयी है कि जिन क्षेत्रों में गन्ने की फसल 20 प्रतिशत से अधिक प्रभावित है, को तुरन्त कटाई कर सम्बन्धित चीनी मिल या कोल्हू क्रेशर पर सप्लाई कर दें तथा खाली खेत के ठूंठों को जला दें और खेत की जुताई करने के उपरांत धान या अन्य कोई फसल उगाये, अगले कम से कम एक वर्ष तक उस खेत में गन्ने की फसल दोबारा न लें तथा इसके स्थान पर धान-गेहूं का फसल चक्र एवं तिलहन फसलों को अपनाये।
ऐसी फसल जहां बीमारी का प्रभाव 20 प्रतिशत से कम है वहां रोगग्रस्त पौधों का पूरा क्लम्प उखाड़ कर जला दें तथा उस स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर डालकर मिला दें। शेष खड़ी फसल में सिस्टमिक फंजीसाइड जैसे कार्बेन्डाजिम, थियोफिनेटमिथाइल या हेक्साटाप का प्रत्येक माह छिड़काव करें तथा जैव पेस्टीसाइड ट्राइकोडर्मा 10 किग्रा प्रति हेक्टेअर की दर से खेत में उपयोग करें।
सूत्रों ने बताया कि गन्ने की बुआई के लिये रोग-रोधी किस्मों का चयन, शुद्ध रोग-कीट रहित स्वस्थ फसल या प्रमाणित नर्सरी से बीज का चयन करें। बुआई से पूर्व बीज का 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम, थियोफिनेटमिथाइल या हाॅट वाटर ट्रीटमेन्ट विधि से उपचारित करें।
प्रभावित क्षेत्रों में किस्म को. 0238 के स्थान पर दूसरी किस्मों का चयन करें और किसी एक किस्म का क्षेत्रफल अधिकतम 25 प्रतिशत तक सीमित रखें। इसके लिये किस्मों को. 0118, को.शा. 13235, को.लख. 14201, को.शा. 8272, को.लख. 94184, को. 98014 आदि किस्मों का उपयोग करें।
वैज्ञानिकों ने बताया कि लाल सड़न बीमारी ऐसी बीमारी है जिसे प्रबन्धन द्वारा ही प्रभावी तौर से रोका जा सकता है तथा गन्ना आयुक्त द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश इस दिशा में उचित कदम है।
उप गन्ना आयुक्तों द्वारा बताया गया कि लाल सड़न रोग के प्रभावी नियंत्रण के सम्बन्ध में गन्ना आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार उपायों को तेजी से लागू किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त गोष्ठियों, वाल पेन्टिंग एवं पम्पलेट आदि के माध्यम से भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
प्रदीप
वार्ता
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