राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 11 2021 8:44PM ओबरा के सर्वे लेखपालों की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश रद्दप्रयागराज,11 जनवरी (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोनभद्र, ओबरा के सर्वे लेखपालों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है और याचियो को समस्त सेवा परिलाभो को पाने का हकदार करार दिया है। सहायक अभिलेख अधिकारी ओबरा ने कैमूर सर्वे एजेन्सी के कर्मियों को समायोजित करने के लिए याची लेखपालों की नियुक्ति निरस्त कर दी थी। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने चंद्र शेखर सिंह यादव एवं अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। याचीगण को 11 जुलाई 1996 को अस्थायी सर्वे लेखपाल पद पर नियुक्ति की गयी थी और 17 सितंबर 1996 को सरकार ने नियुक्ति पर रोक लगा दी और कहा कि जो नियुक्ति या प्रोन्नति की गयी है वह स्वतः निरस्त हो जायेगी। 16 अक्टूबर 1996 को आयुक्त वाराणसी ने जिलाधिकारी वाराणसी और मिर्जापुर को कैमूर सर्वे एजेन्सी के 36 कर्मचारियों के समायोजन का आदेश दिया। जिसके कारण याचियो को सेवा से हटा दिया गया, जिसे चुनौती दी गई थी। याचियो का कहना था कि नियुक्ति पर बैन लगाने का सरकारी आदेश उनकी नियुक्ति के बाद आया है। इसलिए उन पर लागू नहीं होगा। दूसरे नियमानुसार बिना एक माह की नोटिस दिये बर्खास्त करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। न्यायालय ने याचियो की बर्खास्तगी रद्द कर दिया है।सं दिनेश त्यागीवार्ता