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उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मेला क्षेत्र में अलर्ट जारी

प्रयागराज,08 फरवरी (वार्ता) उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा में आई बाढ़ का प्रयागराज के माघ मेला में तीसरे सबसे बड़े स्नान पर्व “ मौनी अमावस्या” पर इसका कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है फिर भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रयागराज में गंगा के जलस्तर में लगभग 60 से 70 सेंटीमीटर की वृद्धि 5 से 6 दिनों में हो सकती है। अतः 11 फरवरी को होने वाले मौनी अमावस्या के स्नान पर इसका कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है।
मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने एहतियातन सभी विभागों को सतर्क रहने तथा माघ मेले के तटीय इलाकों के पास बसी हुई संस्थाओं के शिविरों की रोजाना समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। श्री कुमार ने सभी विभागों की बैठक बुलाकर अलर्ट जारी किया है।
जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि यदि किसी इलाके में ऐसा लगता है की शिविरों में किसी प्रकार की समस्या आ सकती है तो उसका आंकलन कर पूर्ण रूप से तैयार रहें। इसके दृष्टिगत मेला क्षेत्र की काउंटर मैपिंग कराकर एक रिपोर्ट बनाने के भी निर्देश दिए। गलेशियर टूटने के उपरांत उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त करने हेतु जिलाधिकारी ने वहां के डिजास्टर मैनेजमेंट सचिव एस ए मुरुगेशन से भी वार्ता की।
डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने सभी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को जल पुलिस एवं एसडीआरएफ के साथ समन्वय बनाकर सक्रियता से सुरक्षा व्यवस्था बनाने को कहा। बाढ़ प्रखंड विभाग को पहले से बालू की बोरियां तैयार रखने तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मेला क्षेत्र के तटीय इलाकों पर नजर रखने को कहा गया है।
प्रयागवाल सभा के महामंत्री एवं तीर्थपुरोहित राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि उनके कैंप में कल्पवासियों के करीब 50 शिविर हैं। यहां तक पानी पहुंचने में कम से कम पांच से छह दिन लगेगा और उस पानी को यहां पहुंचने से पहले ही सिंचाई के लिए और अन्यत्र घुमा दिया जाएगा।
दिनेश विनोद
वार्ता
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