राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 12 2021 9:14PM झांसी:कोरोना योद्धाओं को बिना नोटिस और वेतन दिये हटाया, उतरे सड़कों परझांसी 12 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में कोरोना काल के दौरान जिन स्वास्थ्यकर्मचारियों और स्टाफ नर्सों को आनन फानन में ड्यूटी पर रखा गया था उन्हें वैक्सीन आने के बाद बिना कोई नोटिस दिये अचानक ही नौकरी से हटा दिया गया और उनका पिछला छह माह का वेतन भी नहीं दिया गया जिसके विरोध में शुक्रवार को स्वास्थ्यकर्मियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। ऐसे दर्जनों कर्मचारी आज विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतरे और सांसद के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें नौकरी पर वापस लये जाने की गुहार लगायी गयी। प्रदर्शनकारी कोरोना योद्धाओं का आरोप था कि एनएचएम आउट सोर्सिंग कोविड-19 कर्मचारियों को बाजपेयी टेडर्स के द्वारा महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में संविदा नियुक्ति के नाम पर ड्यूटी पर रखा गया था। इनमें स्टाफ नर्स,ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन,डाटा आपरेटर एवं वार्डबॉय समेत कई पदों पर तैनाती की गई थी, इन सभी का मासिक वेतन करीब 6 माह से नहीं दिया गया। विरोध करते हुए पीड़ित कर्मचारियों ने बताया कि तब भी मानवता को बचाने के लिए इन सभी ने बिना वेतन के कार्य जारी रखा और महामारी में पूरी लगन और निष्ठा से कार्यरत रहे। हम अपने परिवार वालों से दूर रहकर सभी ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही कोरोना काल में सेवाएं की। आज हम लोगों को बिना किसी सूचना के 5 फरवरी को कार्य मुक्त कर दिया है, इसके चलते सभी बेरोजगार हो गए हैं। हमको बताया गया था कि हमें संविदा पर रखा जाएगा और कोविड-19 के दौरान हमने निरन्तर अपनी भूमिका गंभीरता के साथ निभाई। चिकित्सा स्वास्थ एंव कल्याण विभाग के अन्तर्गत कार्यरत सभी कर्मचारी भलीभांति परिचित हैं कि कोविड-19 महामारी में 14 दिन की ड्यूटी के बाद क्वारेंटाइन रखा जाता है परन्तु हमसे निरंतर ड्यूटी कराई गई। उन्होंने सांसद से गुहार लगाई कि ऐसी महामारी में भी हमने अपनी सेवाएं सरकार को व अपने देशवासियों को दी। हमें हमारा रोजगार वापस किया जाए तो हमारा परिवार भूखों नहीं मरेगा । गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान जब सभी एक दूसरे से मिलने से तक डर रहे थे। ऐसे में एक तबका जो लगातार अपनों को छोड़कर दिन रात ड्यूटी करता रहा। आज उन्हीं सच्चे कोरोना योद्धाओं को सड़क पर उतरकर अपने हक के लिए सांसद से दया की भीख मांगनी पड़ रही है।सोनियावार्ता