Saturday, Apr 27 2024 | Time 06:33 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


इटावा में आज भी रूह कंपा जाती है डेढ दशक पहले हुई डाकू जगजीवन की खून की होली

इटावा 28 मार्च (वार्ता) चंबल घाटी मे वैसे तो कुख्यात डाकुओ ने एक से बढ कर एक ऐसे आंतकी कारनामे किये है जिससे लोगो मे भय पैदा होना आम बात है लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा मे खूंखार क्रूर डाकू जगजीवन परिहार ने डेढ दशक पहले चैरैला गांव में ऐसी खूनी होली खेली थी, जिसका खौफ आज भी लोगो को डरा जाता है ।
इस लोमहर्षक घटना की गूंज पूरे देश मे सुनाई दी थी । इससे पहले चंबल इलाके में होली पर कभी भी ऐसा खूनी खेल नहीं खेला गया था ।
चंबल इलाके के पत्रकार सनोज तिवारी बताते है कि यह ऐसा खूनी कांड रहा है जिसकी कोई दूसरी मिसाल बीहड के इस इलाके मे देखने को नही मिलती है । इस कांड की यादे आज भी गांव के लोगो के जहन मे समाई हुई है ।
इटावा में थाना बिठौली क्षेत्र के अंतर्गत चैरैला गांव में मार्च 2006 को हुई घटना ने हर किसी को झकझोर दिया था। चूकि मुलायम सिंह यादव उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और वे होली के दिन अपने गांव सैफई में होलिका समारोह में शामिल होने के लिए आये थे। पुलिस के बड़े अफसर भी मुख्यमंत्री की वजह से आये थे जैसे उनको इस खूनी होली की खबर लगी, वैसे ही अधिकारियों ने घटनास्थल की ओर पीड़ितो की मदद के लिए दौड़ लगा दी।
चंबल के खूंखार डाकुओं में शुमार जगजीवन परिहार के गांव चैरैला के आसपास के कई गांव में खासी दहशत और आंतक था। जगजीवन के अलावा उसके गिरोह के दूसरे डाकुओं का खात्मा हो जाने के बाद आसपास के गांव के लोगों में भय समाप्त हो गया था।
मार्च 2006 को होली की रात जगजीवन गिरोह के डकैतों ने आंतक मचाते हुये चैरैला गांव में अपनी ही जाति के जनवेद सिंह को जिंदा होली में जला दिया और उसे जलाने के बाद ललुपुरा गांव में चढ़ाई कर दी थी । वहा करन सिंह को बातचीत के नाम पर गांव में बने तालाब के पास बुलाया और मौत के घाट उतार दिया था। इतने में भी डाकुओं को सुकुन नहीं मिला तो पुरारामप्रसाद में सो रहे दलित महेश को गोली मार कर मौत की नींद सुला दिया था । इन सभी को मुखबिरी के शक में डाकुओं ने मौत के घाट उतारा था।
सं विनोद
जारी वार्ता
image