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महंत नरेन्द्र गिरी आत्महत्या नहीं कर सकते:पाण्डेय

प्रयागराज, 05 अक्टूबर (वार्ता) हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पाण्डेय ने दावा किया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि जैसा मजबूत इरादा वाला व्यक्ति कभी आत्महत्या नहीं कर सकता। उनकी हत्या की गयी है।
महंत नरेन्द्र गिरी की षोडशी में शामिल होने पहुंचे श्री पाण्डेय ने कहा कि यह घटना सनातन की क्षति है,समूचे संत समाज और सनातन धर्म को शर्मसार करने वाली घटना है। यह किसी के घर के व्यक्ति की मौत नहीं है, यह सनातन धर्म ध्वजा वाहक की मौत हुई है। इसका पर्दाफाश होना अत्यावाश्यक है। अगर इसका पर्दाफाश नहीं होता तो निश्चित तौर सनातन का हृास होगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने जीवन को संघर्ष में जिया है। जिस संघर्ष के साथ उन्होने अखाड़ा परिषद को करीब 17 साल चलाया है,जिस संघर्ष के साथ आज तक खड़े हुए थे, निश्चित तौर पर उनके साथ यह एक बड़ी साजिश हुई है। उन्होने कहा कि एक साजिश के तहत गुरू महंत नरेन्द्र गिरी और शिष्य आनंद गिरी को रास्ते से हटाने का कार्य किया है, यह जांच का विषय है।
उन्होने कहा कि महंत नरेन्द्र गिरी की हत्या और आनंद गिरी को रास्ते से हटाने का प्रयास एक योजनाबद्ध तरीके से रहा होगा, ऐसा हम लोगों का मानना है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो मामले की जांच कर रही है। इससे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होने कहा कि हमारी मांग भी रही है कि मांग निष्पक्ष होनी चाहिए, कहीं से भी मामले में दबाव और प्रभाव नहीं होनी चाहिए। उन्होने कहा कि योगी आदित्यनाथ भी एक संत है, इसलिए उनपर पूर्ण विश्वास है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि धर्माचार्य और शंकराचार्य के मंच पर राजनेताओं को स्थान देना धर्माचार्यों का राजनीतिकरण करना है। जब राजनीतिकरण हो गया तो महंत नरेन्द्र गिरी जैसी हत्या होनी स्वाभाविक है।
उन्होने कहा कि हमारे इतने बड़े बड़े मठ और मन्दिर चल रहे हैं, हम धर्म का कितना काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि मठों और मंदिरों से जिस आय को सरकार ले रही है, उस धन कितना फीसदी धर्म के लिए खर्च कर रही है, किसी से छुपा नहीं है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि वीर सावरकर जी का नारा था राजनीति का हिन्दूकरण और हिन्दुओं का सैनिकीकरण होना चाहिए। उन्होने पहले सैनिक शिच्छा अनिवार्य करने की बात की थी। हम लोगों ने इनको आतमसात कहां किया, केवल फोटो तक ही सीमित रहे।
दिनेश प्रदीप
वार्ता
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