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चुनावी खर्चों पर निगाहबानी के लिये आयकर व जीएसटी की टीमें सक्रिय

आगरा, 17 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा किये जाने वाले खर्चों पर पैनी निगाहें बनाये रखने के लिये आयकर व जीएसटी विभागों की टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है।
आयकर विभाग और केंद्रीय जीएसटी व सीमा शुल्क विभाग के अंतर्गत आने वाले आगरा व मेरठ जोन के करीब 1500 नेताओं के धन के लेन-देन व खर्चों पर नजर रखी जा रही है।
सूत्रों का दावा है कि करीब 17 ऐसे राजनैतिक दलों की इकाइयां विभिन्न जिलों में सक्रिय हैं। उन्होंने भी चुनाव प्रचार पर खर्च किया है। यह इकाइयां आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर रही हैं। वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने छानबीन करने के बाद केंद्रीय निर्वाचन विभाग को भी इस बारे में रिपोर्ट भेजी है। इन नेताओं व दलों को नोटिस भेजे जाने की तैयारी हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, आगरा व मेरठ जोन में 54 हजार से अधिक ऐसे खाते हैं जिनसे सात नंवबर 2021 से लेकर सात जनवरी 2022 तक सर्वाधिक निकासी हुई है, पर अब करीब 18 हजार खातों को छोड़कर अन्य खातों से एक लाख से अधिक की निकासी नहीं हो रही है। आयकर विभाग की आगरा और मेरठ जांच यूनिट के कार्यक्षेत्र में आने वाले आगरा, अलीगढ़, औरेया, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, झांसी, ललितपुर, मथुरा, मेरठ, बागपत, शामली, सहारनपुर, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर जिले आते हैं।
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो इन नेताओं व दलों को की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ स्टांप, परिवहन, आबकारी, विकास प्राधिकरण, जीएसटी व वाणिज्य कर समेत 11 विभागों से भी रिपोर्ट मांगी है। पिछले तीन महीने में राजस्व प्राप्ति व उसके स्रोत की जानकारी जुटाई गई है। प्रचार सामग्री तैयार करने वाली प्रिंटिंग प्रेस आदि से भी ब्यौरा मांगा जा रहा है।
चुनावों के दौरान निगरानी के लिए आयकर विभाग ने अपना कंट्रोल रूप बनाया है। केंद्रीय जीएसटी और सीमा शुल्क विभाग ने भी अपनी टास्क फोर्स में दो-दो इंस्पेक्टर की पांच टीमें बनाई हैं। दो अधीक्षक इनका नेतृत्व करेंगे। इनकी जिम्मेदारी अवैध लेनदेन और सामानों की आवाजाही पर लगाम लगाना होगा।
सं प्रदीप
वार्ता
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